प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है कि देश कच्चे माल का निर्यात करे और उसी से तैयार उत्पाद वापस आयात किए जाएं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपने कच्चे माल से यहीं सामान तैयार होना चाहिए। भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा, मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि आयात आधारित आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर रहकर देश का विकास नहीं हो सकता। आज तेजी से बदलती दुनिया में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी अनेक चुनौतियां हैं। हमें एक मजबूत आपूर्ति एवं मूल्यवर्धन श्रृंखला खड़ी करनी होगी ताकि हमारे ऊपर बाहरी उतार-चढ़ाव का असर कम से कम हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार के साथ-साथ उद्योग जगत की भी यह जिम्मेदारी है कि वह इस दिशा में आगे बढ़े। उन्होंने उद्योग जगत के दिग्गजों से यह भी अनुरोध किया कि वे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के साथ युवाओं के नेतृत्व वाली स्टार्टअप को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा, ‘आज केवल कच्चे माल के निर्यात पर निर्भर रहकर देश का तेजी से विकास नहीं किया जा सकता। खनिजों को यहां निकाला जाता है और उन्हें किसी अन्य देश में निर्यात किया जाता है, जहां उनका मूल्यवर्धन किया जाता है और नए उत्पाद बनाए जाते हैं। इन तैयार उत्पादों को फिर भारत वापस भेज दिया जाता है। मैं इस परिपाटी में बिल्कुल भरोसा नहीं करता।’ उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है कि ओडिशा के संसाधनों से संबंधित उद्योग यहीं खड़े किए जाएं और यहीं उत्पाद तैयार हों। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दो प्रमुख स्तंभों नवोन्मेषी सेवा क्षेत्र और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद पर टिकी हुई है।
मोदी ने कहा, ‘हरित नौकरियों की संभावना भी काफी बढ़ रही है। समय की मांग और आवश्यकताओं के अनुकूल बनने की जरूरत है। भारत हरित प्रौद्योगिकी और हरित भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें सौर, पवन, जल और हरित हाइड्रोजन शामिल हैं जो विकसित भारत की ऊर्जा सुरक्षा को शक्ति प्रदान करेंगे।’प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए 5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि अब दूर नहीं है। करोड़ों लोगों की आकांक्षाएं भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘आज भारत करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से प्रेरित होकर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह एआई का युग है और हर कोई इसके बारे में बात कर रहा है। हालांकि, सिर्फ एआई नहीं, बल्कि भारत की आकांक्षाएं हमारी शक्ति हैं। आकांक्षाएं तब बढ़ती हैं जब लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं। पिछले दशक में देश ने करोड़ों लोगों को सशक्त बनाने का लाभ देखा है। ओडिशा भी उसी आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है।’
मोदी ने कहा कि 21वीं सदी ‘कनेक्टेड इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ की सदी है। उन्होंने कहा, ‘भारत अभूतपूर्व गति से और व्यापक स्तर पर विशेष बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। यह भारत को निवेश के लिए एक बेहतरीन गंतव्य बनाएगा।’