दिल्ली और उसके आसपास के इलाके खुलकर सांस ले रहे हैं। इसका बड़ा कारण अगस्त में हुई अच्छी बारिश को जाता है। हाल के दिनों में अब तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) औसत रही है।
आंकड़े बताते हैं कि 1 से 24 अगस्त तक दिल्ली का औसत एक्यूआई 70 रहा, जो साल 2020 के बाद से कम है। अगस्त 2023 में औसत एक्यूआई 116 था, जबकि साल 2022 में यह 93 और साल 2021 में यह 107 था। इससे पहले वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान 2020 में दिल्ली का औसत एक्यूआई 64 रहा था।
भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 23 अगस्त तक दिल्ली में 21 दिनों तक बारिश हुई, जो साल 2012 के बाद से सर्वाधिक है। सफदरजंग वेधशाला के आंकड़ों के मुताबिक, इससे ज्यादा बारिश आखिरी बार साल 2012 में हुई थी, उस साल दिल्ली में अगस्त के कुल 31 दिनों में से 22 दिनों तक बादल बरसे थे।
इस साल सितंबर तक मॉनसून रह सकता है और इसकी भी प्रबल संभावना है कि एक्यूआई अगले कुछ हफ्तों तक बेहतर बना रहेगा। अब तक तो सब बढ़िया है मगर सवाल है कि यह अच्छा समय कब तक बरकरार रहेगा? क्या सर्दियों की शुरुआत के साथ अथवा पराली जलाने के मौसम के साथ राष्ट्रीय राजधानी की हवा फिर से खराब होने लगेगी?
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी ऐंड क्लीन एयर (सीआरईए) के विश्लेषक सुनील दहिया ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले इस साल बारिश के दिनों की संख्या अधिक रही है, जिससे वायुमंडल में प्रदूषण कम हुआ है। नतीजतन, बीते कुछ वर्षों के मुकाबले हवा भी बेहतर हुई है।’
मगर उन्होंने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण में गिरावट बिजली उत्पादन, परिवहन, अपशिष्ट जलाने अथवा निर्माण कार्यों जैसे क्षेत्र में उत्सर्जन कम करने की दिशा में व्यवस्थित और व्यापक प्रयासों के कारण नहीं है। इसलिए, यह उम्मीद करना सही नहीं है कि पिछले कुछ महीनों में जो वायु प्रदूषण में गिरावट आई है वह तब अगले महीनों में भी बनी रहेगी, जब बारिश रुक जाएगी और मौसम भी अनुकूल नहीं रहेगा।