आगामी डिजिटल निजी डेटा संरक्षण विधेयक (Data Protection Bill) भारत में उन प्लेटफॉर्मों के काम करने के तरीकों में ‘व्यापक बदलाव’ लाएगा, जो लंबे समय से निजी डेटा (पर्नल डेटा) का दुरुपयोग करते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह बात कही है।
सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने साक्षात्कार में सरकार द्वारा नियुक्त तथ्य जांच निकाय को लेकर जताई जा रही चिंताओं को भी दूर किया और कहा कि यह कदम सेंसरशिप के बारे में बिल्कुल नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था केंद्र को मौका देती है कि वह किसी भी गलत सूचना का जवाब दे, जो लोकतंत्र में महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि गलत सूचना को बोलने की आजादी के अधिकार के साथ भ्रमित नहीं करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि गलत सूचना 10-15 गुना तेजी से फैलती हैं और दर्शकों तक सच्चाई की तुलना में 20-50 गुना अधिक पहुंचती है।
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चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र में अगर कोई सरकार के बारे में कुछ गलत कहता है, घृणा पैदा करने या हिंसा भड़काने के लिए कोई गलत बात फैलाता है तो ‘सरकार के पास यह कहने का अवसर होने चाहिए कि यह सच नहीं है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इसलिए कोई सेंसरशिप नहीं है, मुक्त भाषण पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह केवल झूठ को स्पष्ट रूप से झूठ कहने के लिए है।’ उन्होंने कहा कि इस बारे में भ्रमित नहीं होना चाहिए कि यह कदम मुक्त भाषण के खिलाफ है।