आईडीएफसी फर्स्ट और हुरून इंडिया द्वारा जारी पहली पीढ़ी के भारतीय उद्यमियों की सूची ‘इंडियाज टॉप 200 सेल्फ-मेड ऑन्त्रप्रेन्यर ऑफ द मिलेनिया 2024’ के दूसरे संस्करण में भी डीमार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी 3.4 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ शीर्ष पायदान पर बरकरार हैं। उनकी कंपनी के मूल्यांकन में पिछले साल के मुकाबले 44 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
सूची में दूसरे स्थान पर जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल हैं। उनके फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म का मूल्यांकन बढ़कर 2.5 लाख करोड़ रुपये हो चुका है जो पिछले साल के मुकाबले 190 फीसदी अधिक है। इसी प्रकार स्विगी के सह-संस्थापक श्रीहर्ष मजेटी और नंदन रेड्डी सूची में तीसरे पायदान पर मौजूद हैं। उनकी कंपनी का मूल्यांकन 52 फीसदी बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।
सूची के दूसरे संस्करण में काफी फेरबदल दिख रहा है जहां पहली बार शामिल होने वाले उद्यमियों ने अपनी शानदार छाप छोड़ी है। मेकमाईट्रिप के सह-संस्थापक दीप कालरा और राजेश मागो सूची में चौथे स्थान पर हैं। उनकी कंपनी का मूल्यांकन 99,300 करोड़ दर्ज किया गया जिसमें पिछले साल के मुकाबले 168 फीसदी की उछाल आई है।
इसी प्रकार पॉलिसीबाजार के संस्थापक यशीष दहिया और आलोक बंसल भी शीर्ष 10 की सूची में शामिल हैं। उनकी ऑनलाइन बीमा मार्केटप्लेस का मूल्यांकन 78,600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो पिछले साल के मुकाबले 128 फीसदी अधिक है।
ब्रोकरेज फर्म जीरोधा 64,800 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ सूची में 8वें पायदान पर है। उसके बाद नौवें पायदान पर रेजरपे के सह-संस्थापक हर्षिल माथुर एवं शशांक कुमार मौजूद हैं। नायका की संस्थापक फल्गुनी नायर को सूची में 10वें पायदान पर रखा गया है। उनकी कंपनी के मूल्यांकन में 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही नायर शीर्ष 10 की सूची में शामिल होने वाली महिला उद्यमी बन गई हैं।
साल 2024 की सूची युवा उद्यमियों की सफलता को भी उजागर करती है। जेप्टो के सह-संस्थापक 21 वर्षीय कैवल्य वोहरा ने अपनी कंपनी के मूल्यांकन में 259 फीसदी की शानदार उछाल दर्ज की। उनकी कंपनी का मूल्यांकन बढ़कर 41,800 करोड़ रुपये हो चुका है। उनके सह-संस्थापक आदित पालिचा भी इस रैंक में शामिल हैं।
बहरहाल इस सूची में शामिल 200 उद्यमियों ने कुल मिलाकर 36 लाख करोड़ डॉलर मूल्य की कंपनियों के निर्माण में योगदान दिया है, जो पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी अधिक है। 66 कंपनियों के साथ बेंगलूरु पहली पीढ़ी के इन उद्यमियों का प्रमुख केंद्र बरकरार है।