सरकार ने चीन समेत अनेक देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर यहां इससे निपटने के लिए पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर और पैरासिटामॉल जैसी कुछ दवाओं आदि के निर्यात पर कड़ी निगरानी रखना शुरू कर दिया है।
इसका उद्देश्य संक्रमण के मामले बढ़ने की स्थिति में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना है। अधिकारियों ने कहा, ‘‘हम इन सभी उत्पादों के निर्यात पर लगातार नजर रख रहे हैं। हम उचित निर्णय के लिए हालात की निगरानी कर रहे हैं।
हालांकि इस समय स्थिति चिंताजनक नहीं है। लेकिन हमें हर तरह की स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए और उसके लिए हमें अपनी घरेलू जरूरतों का ध्यान रखना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पीपीई किट, सिरिंज, दस्ताने, रेमडेसिविर और पैरासिटामॉल जैसी कुछ दवाओं आदि उत्पादों पर निगरानी के उद्देश्य से दैनिक आधार पर आंकड़े जमा करना शुरू कर दिया है।’’
यह मुद्दा हाल में मंत्रालयों की एक बैठक में सामने आया जिसमें इस स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया गया। बैठक में वाणिज्य मंत्रालय, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, स्वास्थ्य एवं कपड़ा मंत्रालयों समेत विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।’’
सरकार ने महामारी से निपटने के लिए 2020 में पीपीई किट, सैनिटाइजर, दस्ताने, परीक्षण किट, सिरिंज, रेमडेसिविर और अन्य दवाओं समेत विभिन्न उत्पादों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को आगाह किया कि देश में अगले 40 दिन अहम होंगे और जनवरी में भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं। चीन में कोविड के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और लोगों को भारत में भी एक और कोविड लहर की आशंका सताने लगी है।
सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से तैयारी रखने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया मामले बढ़ने की किसी भी संभावित स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठक कर चुके हैं।