राज्य में रह रहे अवैध मजदूरों के खिलाफ एक तरफ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है तो दूसरी तरफ निर्माण श्रमिक (कंस्ट्रक्शन वर्कर्स) अब कहीं से भी ऑनलाइन पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कर सकते हैं। हालांकि, उनके मूल दस्तावेजों का सत्यापन, फोटो अपलोड और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को अपनी सुविधानुसार जिला या तालुका सुविधा केंद्र पर ही होगा। इसके लिए राज्य में 366 तालुका सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं। यह सेवा 5 फरवरी 2025 से राज्य के सभी निर्माण श्रमिकों के लिए उपलब्ध कराई गई है ।
श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने बताया कि निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण, नवीनीकरण और लाभ वितरण के लिए एकीकृत कल्याणकारी मंडल संगणकीय प्रणाली (IWBMS) नामक एक ऑनलाइन प्रणाली उपलब्ध है। पहले यह कार्य जिला स्तर पर जिला भवन निर्माण श्रमिक सुविधा केंद्रों के माध्यम से किया जाता था। केंद्र सरकार की अधिसूचना के तहत राज्य सरकार ने अब 366 तालुका स्तर के केंद्र स्थापित किए हैं, जहां प्रत्येक केंद्र प्रतिदिन 150 आवेदन संभालेगा । 8 नवंबर 2024 से ये सुविधा केंद्र कार्यान्वित किए गए हैं, और अब तक कुल 5,12,581 आवेदन ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत निपटाए गए हैं। हालांकि, कुछ स्थानों पर श्रमिकों की अत्यधिक भीड़ के कारण लंबे इंतजार और कार्य में बाधा आ रही थी।
फुंडकर ने कहा कि श्रमिकों के समय और रोजगार का नुकसान न हो, इसके लिए आवेदन प्रक्रिया को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाया गया है। विभिन्न जनप्रतिनिधियों और श्रमिक संघों के अनुरोध पर अतिरिक्त सुधार लागू किए गए हैं। यदि किसी श्रमिक को जिला सुविधा केंद्र पर देर से अपॉइंटमेंट मिल रहा है, तो उसे निकटतम तालुका स्तर के केंद्र पर पहले की तारीख दी जाएगी। जिला मुख्यालय में अतिरिक्त तालुका भवन निर्माण श्रमिक सुविधा केंद्र कार्यान्वित किए जाएंगे। जिला सुविधा केंद्रों में पांच में से तीन कर्मचारी एंट्री ऑपरेटर के रूप में कार्य करेंगे। बाकी दो डाटा एंट्री ऑपरेटर श्रमिकों के विवरण अपडेट करने का कार्य करेंगे। 31 मार्च 2025 से पहले सभी लंबित आवेदनों का निपटारा किया जाएगा।
निर्माण परियोजनाओं में बांग्लादेशी अवैध मजदूरों की मिल रही शिकायत को देखते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने सख्त चेतावनी दी है कि यदि श्रमिकों के बारे में कोई जानकारी छिपाने के कारण कोई अप्रिय घटना होती है और इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होती है, तो संबंधित ठेकेदार, होटल मालिक, बार मालिक या व्यवसायी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। श्रमिकों को काम पर रखते समय संबंधित श्रमिकों व मजदूरों की जानकारी जैसे उनका नाम, पता, मूल गांव का पता, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, निर्वाचन पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक, किरायानामा (रेंट एग्रीमेंट) आदि की जांच कर ली जाए। पुलिस थानों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि लेबर का चरित्र सत्यापन संबंधित पुलिस थाने में किया जाना चाहिए।