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ईवी निवेश की नीति में चार्जिंग ढांचा भी होगा शामिल‌!

इस नीति के तहत उन्हें एक विनिर्माण संयंत्र बनाने के लिए तीन साल में 50 करोड़ डॉलर का निवेश करने की जरूरत थी।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- February 23, 2025 | 10:28 PM IST

सरकार चार्जिंग के बुनियादी ढांचा नेटवर्क के निर्माण में निवेश को भी शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है ताकि वैश्विक कंपनियां पिछले साल घोषित नीति के तहत निवेश की अपनी पात्रता के मानदंडों को आसानी से पूरा कर सकें। इस नीति के तहत उन्हें एक विनिर्माण संयंत्र बनाने के लिए तीन साल में 50 करोड़ डॉलर का निवेश करने की जरूरत थी। बदले में उन्हें देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के आयात के लिए रियायती शुल्क मिलता। 

पिछले साल मार्च में घो​षित इस नीति को मोटे तौर पर टेस्ला को लुभाने के प्रयास के रूप में देखा गया (अलबत्ता विनफास्ट और जगुआर लैंड रोवर के जरिये टाटा के साथ-साथ बीएमडब्ल्यू जैसी अन्य कंपनियों ने भी इस पर विचार किया था)। हालांकि यह नीति संभावित वैश्विक कार विनिर्माताओं को लुभाने में विफल रही। लिहाजा, भारी उद्योग मंत्रालय को हितधारकों के साथ नए सिरे से बातचीत शुरू करनी पड़ी। कई लोगों ने तर्क दिया कि ईवी संयंत्रों में मौजूदा निवेश को भी नीति में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि वर्तमान ढांचे में जल्द निकलने वाली कंपनियों पर दंड लगता है जबकि यह उन नई कंपनियों को लाभ पहुंचाता है जिन्होंने देश के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी तंत्र में कोई निवेश नहीं किया है। इस नीति के तहत कंपनियों को तीन साल के भीतर संयंत्र स्थापित करना था और संचालन के पांचवें वर्ष तक देसी पुर्जों के इस्तेमाल का 50 प्रतिशत स्तर हासिल करना था। आयात किए जाने वाले ईवी की संख्या भी सीमित थी।

बदले में सरकार इच्छुक ईवी विनिर्माताओं के लिए आयात शुल्क 15 प्रतिशत तक कम करने पर सहमत हो गई थी। यह उन वाहनों के लिए था जो अनुमोदन की तारीख से पांच वर्षों की अवधि के दौरान 35,000 डॉलर और उससे अधिक की लागत, बीमा और ढुलाई (सीआईएफ) कीमत वाले वाहन आयात करते थे। इसे पहले लगाए गए 70 प्रतिशत और 100 प्रतिशत से कम किया गया था।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘हितधारकों के साथ बातचीत के बाद हम एक विनिर्माण इकाई स्थापित करने के अलावा चार्जिंग स्टेशनों में निवेश को भी शामिल करके निवेश मानदंडों को आसान बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं।’

First Published : February 23, 2025 | 10:28 PM IST