वित्त मंत्रालय ने उत्पादों के लिए केंद्रीय माल एवं सेवा कर (CGST) की दरें अधिसूचित कर दी हैं। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। इस अधिसूचना के बाद राज्यों को भी अपने स्तर पर राज्य जीएसटी (SGST) की दरें अधिसूचित करनी होंगी। जीएसटी सिस्टम के तहत प्राप्त रेवेन्यू को केंद्र एवं राज्यों के बीच समान रूप से साझा किया जाता है।
जीएसटी काउंसिल की मंजूरी के बाद 22 सितंबर से नई व्यवस्था के तहत अधिकांश वस्तुओं एवं सेवाओं पर 5% और 18% की दर से ही टैक्स लगेगा। हालांकि विलासिता वाली वस्तुओं पर 40% टैक्स लगेगा जबकि तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों पर 28% जीएसटी के साथ उपकर जारी रहेगा।
मौजूदा व्यवस्था के तहत जीएसटी में चार टैक्स स्लैब हैं जो 5%, 12%, 18% और 28% हैं। इसके साथ विलासिता एवं अहितकर उत्पादों पर अलग से उपकर भी लगता है।
Also Read: बीमा vs अस्पताल: महंगे इलाज और कैशलेस झगड़े में फंसे मरीज
विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकांश वस्तुओं पर टैक्स रेट में कटौती के साथ अब व्यापार और उद्योग जगत पर यह दायित्व है कि वे इन संशोधनों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं और समयबद्ध तरीके से अनुपालन सुनिश्चित करें।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि सरकार ने अधिसूचना में स्पष्ट दर अनुसूचियां जारी कर स्थिति स्पष्ट कर दी है और अब उद्योग जगत को इसे शीघ्र लागू करना होगा।
ईवाई में कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा कि दरों में संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी होने के बाद कंपनियों को अपनी केंद्रीकृत प्रबंधन प्रणाली ईआरपी और मूल्य निर्धारण नीतियों में तुरंत बदलाव कर उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए।
(PTI इनपुट के साथ)