सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम शाह की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा और कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया।
पीठ ने अधिवक्ता एम एल शर्मा की याचिका पर भी नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को प्रतिबंध संबंधी आदेश के मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश भी दिया।
पीठ ने कहा, “हम नोटिस जारी कर रहे हैं। जवाबी हलफनामा तीन हफ्ते के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए। प्रत्युत्तर उसके दो हफ्ते के बाद दिया जाना चाहिए।” मामले में अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।