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Atal Setu: सबसे लंबा समुद्री पुल राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री ने 17,840 करोड़ रुपये की लागत से बनी अटल बिहारी वाजपेयी शिवड़ी-न्हावा शेवा सेतु का उद्घाटन किया

Last Updated- January 12, 2024 | 10:58 PM IST
Atal Setu

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17,840 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए देश के सबसे लंबे अटल बिहारी वाजपेयी शिवड़ी-न्हावा शेवा सेतु का शुक्रवार को उद्घाटन किया। अटल सेतु बनने से मुंबई और नवी मुंबई की दूरी काफी कम हो गई और मुंबई तथा पुणे के बीच का रास्ता भी आसान हो गया।

यह देश में सबसे लंबा समुद्री पुल ही नहीं बल्कि किसी भी तरह का सबसे लंबा सेतु भी है। इसे मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) भी कहा जाता है। यह सेतु दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई में न्हावा-शेवा से जोड़ता है।

मुंबई के निवासी इस पुल का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल की आधारशिला रखी थी। यह करीब 22 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला पुल है, जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किमी और जमीन पर लगभग 5.5 किमी है। यह दुनिया में 12वां सबसे लंबा समुद्री पुल है।

देश विकसित राष्ट्र बनने की ओर

इस अवसर पर मोदी ने कहा, ‘अटल सेतु ट्रांस-हार्बर लिंक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारत की शक्ति को प्रदर्शित करता है, यह बताता है कि देश विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है। मैं जापान सरकार को धन्यवाद देता हूं और दिवंगत शिंजो आबे का स्मरण करता हूं, हम दोनों ने मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक परियोजना को पूरा करने का संकल्प लिया था।

पिछले 10 वर्षों में देश ने अपने सपनों को हकीकत में बदलते देखा है। दस साल पहले हजारों करोड़ रुपये के महाघोटालों की चर्चा होती थी, अब हजारों करोड़ रुपये की बड़ी परियोजनाओं की चर्चा है।’

यह पुल आगामी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और मुंबई और पुणे के बीच यात्रा के समय को कम करेगा। इससे मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा।

संभावनाओं का पुल

इस परियोजना का नेतृत्व करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी संजय खंडारे ने कहा कि यह उनके लिए संजो कर रख लेने वाला क्षण है क्योंकि उन्होंने चार साल के लिए परियोजना का नेतृत्व किया है।

खंडारे ने कहा कि यह सिर्फ इस्पात और कंक्रीट का नहीं बल्कि संभावनाओं का पुल है। यह मुंबई और भारत के लिए आर्थिक विकास और उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।

परियोजना के प्रारंभिक चरण में समुद्र के नीचे बिछी हुई तेल के पाइपों, समुद्री संपर्क के दोनों सिरों पर भूमि अधिग्रहण, इंजीनियरिंग डिजाइन और निविदा एवं निष्पादन प्रक्रियाओं का सामना करना था।

अटल सेतु पर नहीं दौड़ेगी बाइक

सुरक्षा के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए कुछ जरुरी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत इस समुद्री पुल पर मोटरसाइकिल, मोपेड, तिपहिया वाहन, ऑटो और ट्रैक्टर नहीं चलेंगे।

फोर-व्हीलर, मिनी बस और टू-एक्सेल व्हीकल की अधिकतम रफ्तर 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। पुल की चढ़ाई और उतार पर रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी।

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से तैयार हुआ सेतु

अटल सेतु को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया गया है। इसके निर्माण में सरकार के साथ चार कंपनियों ने हिस्सा लिया है। साल 2018 में इसका निर्माण शुरू किया गया था।

लार्सन ऐंड टुब्रो, आईएचआई इन्फ्रास्ट्रक्चर, देवू इंजीनियरिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन और टाटा प्रोजेक्ट ने सरकार के साथ मिलकर इस समुद्री पुल को बनाया है। इसके निर्माण की नोडल एजेंसी मुंबई मेट्रोपोल‍िटन रीजन डेवलपमेंट अथॉर‍िटी थी। जापान इंटरनैशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी ने इसे फंडिंग मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई है।

कितना वसूला जाएगा टोल

अटल सेतु पर एक तरफ की यात्रा के लिए 250 रुपये का टोल देना होगा, जबकि दोनों तरफ के लिए 375 रुपये खर्च करने होंगे। मासिक पास टोल राशि का 50 गुना होगा। राज्य सरकार का कहना है कि एक साल के बाद टोल की समीक्षा की जाएगी।

आठ महीने की देरी हुई

अटल सेतु के निर्माण में कोविड के चलते आठ महीने की देरी हुई। विशेषज्ञों की मानें तो यह सेतु 6.5 तीव्रता की भूकंप को आसानी से सह सकेगा। मुंबई के अटल सेतु ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बने भूपेन हजारिका सेतु को पीछे छोड़ा है।

अभी तक यह सेतु देश का सबसे लंबा सेतु था। इसकी कुल लंबाई 9,150 मीटर थी। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को पूर्वी मुंबई में ईस्टर्न फ्रीवे को दक्षिण मुंबई में मरीन ड्राइव से जोड़ने वाली भूमिगत सड़क सुरंग की आधारशिला भी रखी। 9.2 किमी लंबी सुरंग 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई जाएगी।

First Published - January 12, 2024 | 10:58 PM IST

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