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Article 370: सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, इन पहलुओं पर गौर करेगी अदालत

शीर्ष अदालत ने 16 दिनों की सुनवाई के बाद पांच सितंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Last Updated- December 11, 2023 | 8:08 AM IST
Supreme Court

पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी संसद की शक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना निर्णय सुनाएगा। इसके मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

शीर्ष अदालत जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बांटने और 5 अगस्त 2019 को लागू किए गए ये प्रावधान क्या तत्कालीन राज्य विधानसभा की सिफारिशों के आधार पर किए जा सकते थे, जैसे पहलुओं पर गौर करेगी। मौजूदा समय में दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन का संचालन करने के लिए केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल की नियुक्ति की है।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11 दिसंबर (सोमवार) की सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी। पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत हैं। शीर्ष अदालत ने 16 दिनों की सुनवाई के बाद पांच सितंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का बचाव करने वालों और केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ताओं हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी गिरि और अन्य की दलीलों को सुना। याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन, जफर शाह, दुष्यंत दवे और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बहस की थी।

Also Read: Article 370 Verdict: अनुच्छेद 370 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला, जानें क्या है पूरा मामला

केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

प्रमुख दलों ने दी प्रतिक्रिया

जम्मू कश्मीर के कई दलों ने पुराना प्रावधान बहाल किए जाने की उम्मीद जताई है। वहीं, भाजपा ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए। फैसले के मद्देनजर अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर ‘पर्याप्त’ सुरक्षा व्यवस्था की है।

नैशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत के प्रतिकूल फैसले की स्थिति में भी उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में शांति भंग नहीं करेगी और अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेगी।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अदालत के फैसले से स्पष्ट होना चाहिए कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लिया गया निर्णय ‘अवैध’ था।

नेकां और पीडीपी, ‘पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन’ (पीएजीडी) का हिस्सा हैं, जिसे गुपकर गठबंधन भी कहा जाता है। इसका गठन अनुच्छेद 370 बहाल करने के वास्ते संघर्ष करने के लिए जम्मू-कश्मीर में कई दलों द्वारा किया गया था।

First Published - December 11, 2023 | 8:08 AM IST

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