facebookmetapixel
अक्टूबर में GST की आमदनी ₹1.96 ट्रिलियन, त्योहारों ने बढ़ाई बिक्री लेकिन ग्रोथ धीमीत्योहारों ने बढ़ाई UPI की रफ्तार, अक्टूबर में रोजाना हुए 668 मिलियन ट्रांजैक्शनHUL पर ₹1,987 करोड़ का टैक्स झटका, कंपनी करेगी अपीलSrikakulam stampede: आंध्र प्रदेश के मंदिर में भगदड़, 10 लोगों की मौत; PM Modi ने की ₹2 लाख मुआवजे की घोषणाCar Loan: सस्ते कार लोन का मौका! EMI सिर्फ 10,000 के आसपास, जानें पूरी डीटेलBlackRock को बड़ा झटका, भारतीय उद्यमी पर $500 मिलियन धोखाधड़ी का आरोपकोल इंडिया विदेशों में निवेश की दिशा में, पीएमओ भी करेगा सहयोगLPG-ATF Prices From Nov 1: कमर्शियल LPG सिलेंडर में कटौती, ATF की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी; जानें महानगरों के नए रेटMCX पर ट्रेडिंग ठप होने से सेबी लगा सकती है जुर्मानासीआईआई ने सरकार से आग्रह किया, बड़े कर विवादों का तेज निपटारा हो

स्वदेशी कंपनियों से 7,300 करोड़ की इमरजेंसी ख़रीदी करेगी सेना, चीन की चालबाज़ी पर वार

रिपोर्ट में बताया गया है कि आपातकालीन खरीद के पहले तीन चरणों में 6,600 करोड़ रुपये की 68 योजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए।

Last Updated- August 15, 2023 | 11:28 AM IST
Army

भारतीय सेना ने चीन सीमा पर खतरे का मुकाबला करने के लिए, आपातकालीन खरीद शक्तियों का उपयोग करते हुए, भारतीय निर्माताओं से 7,300 करोड़ रुपये की हथियार प्रणालियों का ऑर्डर दिया। अन्य 7,000 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट खरीद के अंतिम चरण में हैं और आने वाले हफ्तों में इन पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

ऑर्डर मुख्य रूप से प्राइवेट सेक्टर को दिए गए

रिपोर्ट के मुताबिक, उपकरणों की एक सीरीज का ऑर्डर मुख्य रूप से प्राइवेट सेक्टर को दिया गया था। रक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों के अनुसार, इनमें ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम, हथियार, सिमुलेटर, संचार प्रणाली और वाहन शामिल हैं।

Also read: 77वें स्वतंत्रता दिवस पर Google ने खास अंदाज में बनाया Doodle, भारत की कपड़ा विरासत को याद किया

रिपोर्ट में रक्षा प्रतिष्ठान से संबंधित एक अंदरूनी सूत्रों में से एक ने कहा, ‘हमने 7,600 करोड़ रुपये की 49 योजनाओं का कॉन्ट्रैक्ट किया है और 7,000 करोड़ की 34 अन्य योजनाएं भी खरीद के अंतिम चरण में हैं।’ उन्होंने कहा कि ट्रायल और चयन प्रक्रिया उद्योग को सक्रिय रूप से शामिल करके की गई थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिग्रहीत प्रणालियों में लॉजिस्टिक और नैनो ड्रोन, काउंटर-ड्रोन, लोइटर युद्ध सामग्री, बिना हथियार वाले हवाई व्हीकल से प्रक्षेपित सटीक निर्देशित मिसाइलें और स्वचालित स्पेक्ट्रम निगरानी प्रणाली शामिल हैं।

पहले भी सेना को दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियां

पिछले अगस्त में, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आपातकालीन प्रावधानों के तहत 300 करोड़ रुपये तक के उपकरण खरीदने के लिए सेना को शक्तियां सौंप दीं, जिससे वर्षों लगने वाली लंबी खरीद प्रक्रिया समाप्त हो गई। सेना को 300 करोड़ रुपये तक के उपकरण खरीद प्रक्रिया करने के लिए अधिकृत किया गया था।

2020 में शुरू हुए गलवान संकट के मद्देनजर और बालाकोट हवाई हमलों के बाद, दो बार पहले भी सेना को आपातकालीन शक्तियां दी गई थीं। हालांकि, अतीत से एक बड़े बदलाव में, वर्तमान आपातकालीन शक्तियां केवल भारतीय कंपनियों को दिए गए ऑर्डर के लिए आरक्षित हैं। दिए गए अधिकांश ऑर्डर और जो अंतिम चरण में थे, उन्हें भारतीय निजी क्षेत्र द्वारा प्राप्त किया गया।

Also read: India at 76: साल 1947 से 1993 तक की वो 18 घटनाएं, जिनसे बदल गई शेयर बाजार की चाल

पहले तीन चरणों में 6,600 करोड़ रुपये के 68 योजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए

रिपोर्ट में बताया गया है कि आपातकालीन खरीद के पहले तीन चरणों में 6,600 करोड़ रुपये की 68 योजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए। अतीत में, सेना ने सीमा, रक्षा प्रतिष्ठानों पर उपयोग के लिए युद्ध सामग्री, हवा से जमीन पर मार करने वाले बम, असॉल्ट राइफलें, एंटी-ड्रोन सिस्टम के साथ-साथ स्वार्म ड्रोन (झुंड में एक साथ उड़ने और टारगेट पर बमों की तरह बरस जाने वाले आत्मघाती ड्रोन्स) सहित तत्काल आवश्यक वस्तुओं के लिए ऑर्डर दिए थे।

इस बीच, भारत और चीन ने सोमवार को चुशुल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की वार्ता की है। यह बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से चीनी सैनिकों की वापसी के प्रस्तावों को आगे बढ़ाने के लिए थी। वार्ता के नतीजे पर मंगलवार को बयान आने की उम्मीद थी।

First Published - August 15, 2023 | 11:28 AM IST

संबंधित पोस्ट