सरकार अब निजी क्षेत्र को भी सरकारी लाभ, सेवाओं एवं सब्सिडी लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए आधार सत्यापन की अनुमति दे सकती है। सूचना-तकनीक मंत्रालय ने आज इस संबंध में नियमों का प्रस्ताव दिया।
इस संबंध में जारी सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान समय में केवल सरकारी मंत्रालय एवं विभाग सुशासन सुनिश्चित करने, सरकारी रकम की चोरी रोकने, नवाचार को बढ़ावा देने एवं जागरूकता फैलाने के लिए आधार सत्यापन कर सकते हैं।
निजी क्षेत्र की किसी इकाई से आधार सत्यापन का अनुरोध आने पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) पहले यह सुनिश्चित करेगा कि संबंधित इकाई तय दिशानिर्देशों के अनुरूप निजता एवं सुरक्षा मानकों का अनुपालन कर रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, UIDAI के पास हर एक दिन आधार सत्यापन के लगभग 7 से 8 करोड़ अनुरोध आते हैं। योजनाओं का लाभ देने में दोहराव रोकने और फर्जी लाभार्थियों को हटाने के लिए 1,000 से अधिक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाएं (राज्य सरकारों की 720 और केंद्र की 318 योजनाएं) आधार सत्यापन सेवाओं का इस्तेमाल करती हैं। नवंबर 2022 तक विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत आधार सूचना का इस्तेमाल करने वाले 1,01. करोड़ सफल लेनदेन के जरिये लाभार्थियों को 7,66,055.9 करोड़ रुपये के लाभ दिए गए।
आधार सत्यापन के जितने अनुरोध आते हैं उनमें 20 प्रतिशत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से संबंधित होते हैं। दूरसंचार क्षेत्र से 6 प्रतिशत अनुरोध आते हैं जबकि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGS) के लिए सत्यापन के 2 प्रतिशत अनुरोध आते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना-तकनीक मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित संशोधन के अनुसार सरकार से अनुमति हासिल करने के बाद निजी इकाइयां भी इन योजनाओं के लिए व्यवस्ता तैयार कर सकती हैं।
आधार (वित्तीय एवं अन्य सब्सिडी, लाभा एवं सेवाओं की लक्षित आपूर्ति) अधिनियम, 2016 में प्रावधान है कि निजी इकाइयां तय किए गए उद्देश्यों के लिए आधार सत्यापन कर सकती हैं। सुशासन (सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान) नियम, 2020 में आधार सत्यापन के उद्देश्यों की सूची शामिल की गई है।
मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति ने कहा, ‘तय उद्देश्यों में नागरिकों के लिए रहन-सहन सुगम बनाने और उन तक सेवाओं की पहुंच बेहतर बनाने को भी शामिल किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है।’ मंत्रालय ने अपने प्रस्ताव पर 5 मई तक लोगों से प्रतिक्रियाएं आमंत्रित की हैं।
जो निजी इकाइयां आधार सत्यापन का इस्तेमाल करना चाहती हैं उन्हें निहित उद्देश्य के औचित्य को लेकर केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव सौंपना होगा। सरकार इसके बाद ऐसी इकाइयों का प्रस्ताव UIDAI को भेज सकती है। UIDAI केंद्र सरकार को आवेदक इकाई द्वारा आधार सत्यापन की अनुमति देने के बारे में सूचित करेगा।