नकदी विदड्रॉल के लिए UPI-आधारित QR कोड की शुरुआत के साथ, भारत के ATM नेटवर्क में बदलाव आने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने सितंबर में UPI-आधारित ATM लॉन्च किया था, जो यूजर्स को बिना ATM कार्ड के नकदी निकालने की अनुमति देता है। विदड्रॉल शुरू करने के लिए, ग्राहक को ATM स्क्रीन पर एक QR कोड स्कैन करना होगा, राशि दर्ज करनी होगी, और अपने मोबाइल फोन पर अपना UPI पिन डालते हुए पैसे निकाले जा सकते हैं।
UPI ATM कार्ड रीडर, एन्क्रिप्टिंग पिन पैड, बायोमेट्रिक स्कैनर और रसीद प्रिंटर के बिना हार्डवेयर को सरल बनाते हैं। UPI ATM आने वाले समय में लोग और भी ज्यादा इस्तेमाल करेंगे। मौजूदा मशीनों में UPI फैसिलिटी को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
ATM निर्माता एनसीआर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर नवरोज़ दस्तूर ने कहा, “आज, देश में 115,000 एनसीआर ATM हैं। इन सभी ATM पर UPI ऑफर किया जा सकता है। हार्डवेयर के हिसाब से, UPI-आधारित निकासी के लिए उन्हें किसी बदलाव की आवश्यकता नहीं है। केवल एक सॉफ्टवेयर डालना होगा जिसकी QR कोड के लिए आवश्यकता होगी,”
नवरोज़ ने आगे कहा, पहले मौजूदा ATM पर ही UPI के फीचर को जोड़ा जाना चाहिए, साथ ही अभी केवल UPI को सपोर्ट करने वाले ATM को ग्राहक तुरंत नहीं अपना पाएंगे।
इंडिया1 पेमेंट्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ के श्रीनिवास ने कहा, UPI ट्रांजैक्शन टियर-I और टियर-II शहरों में लोकप्रिय हैं, लेकिन टियर-IV, टियर-V और टियर-VI शहरों में UPI आधारित नकद विदड्रॉल को पॉपुलैरिटी हासिल करने में समय लग सकता है। 300 मिलियन UPI यूजर्स के बावजूद, हर जगह लोग इसका इस्तेमाल करें, इसके लिए फेज में काम करने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा, केवल UPI वाला ATM बनाना अव्यवहारिक और महंगा हो सकता है। अगर ATM दोनों फीचर्स को सपोर्ट करेंगे (QR और ATM कार्ड वाला) तो ग्राहकों को सुविधा रहेगी। क्योंकि दोनों तरह के ग्राहक अपनी जरूरतों के हिसाब से इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। अगर लेनदेन में कार्ड की बजाय केवल UPI का इस्तेमाल होगा, तो स्किमिंग और क्लोनिंग जैसे धोखाधड़ी के जोखिम को कम करके सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, श्रीनिवास सुझाव है कि आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) कार्डलेस नकदी निकालने के सिस्टम में और योगदान दे सकती है। हालांकि AEPS अभी तक ATM पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसको जोड़ने से कैशलेस विदड्रॉल के लिए एक विकल्प आ जाएगा, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोगों के पास आधार हो सकता है लेकिन जरूरी नहीं कि उनके फोन पर UPI हो। कुल मिलाकर, UPI-आधारित लेनदेन की ओर कदम का उद्देश्य भारत के ATM नेटवर्क में सुविधा, सुरक्षा और पहुंच को बढ़ाना है।