सरकार ने शुक्रवार से पेंशन फंड लागू कर दिया है। लेकिन निवेश के इस अच्छे जरिये का इस्तेमाल करने के तरीके से काफी लोग अभी नावाकिफ हैं। उनकी सहूलियत के लिए पेश हैं पेंशन फंड से जुड़े कुछ सवालों के जवाब :
कौन शामिल हो सकता है?
18 से 55 वर्ष की उम्र के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक इसे अपना सकता है। फिलहाल योजना का केवल पहला चरण लागू किया गया है, जिसमें खुलवाए गए खाते से रकम निकाली नहीं जा सकती। बाद में दूसरा चरण शुरू होगा, जिसके तहत खुले खाते में से अपनी बचत को आप किसी भी वक्त निकाल सकते हैं। लेकिन दूसरे चरण का खाता खोलने के लिए पहले चरण का खाता अनिवार्य है।
मैं पंजीकरण कैसे करवाऊं?
आपको निश्चित स्थान पर जाना होगा, दिया गया आवेदन पत्र भरना होगा और मांगे गए दस्तावेज भी दिखाने होंगे। एक बार पंजीकरण होने के बाद सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (सीआरए) आपके पास स्थायी खाता पंजीकरण क्रमांक (पीआरएएन) और टेलीफोन तथा इंटरनेट पासवर्ड भेज देगी।
निवेश की सीमा क्या है?
इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं है। लेकिन महीने में कम से कम 500 रुपये या साल में कम से कम 6,000 रुपये जमा करना अनिवार्य है। खाताधारकों के लिए तीन माह में कम से कम एक बार रकम जमा कराना जरूरी है।
न्यूनतम राशि जमा नहीं कर पाने पर कितना जुर्माना होगा?
आपको 100 रुपये प्रतिवर्ष जुर्माना देना पड़ेगा और उसके साथ ही खाते को फिर सक्रिय करने के लिए न्यूनतम राशि भी देनी होगी। निष्क्रिय खातों में जुर्माना कटते-कटते जब राशि शून्य हो जाएगी, तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा।
निवेश पर गारंटी होगी?
नहीं। किसी भी तरह की गारंटी आपको नहीं मिलेगी। आपको लाभ उतना ही मिलेगा, जितनी राशि आप जमा करेंगे या खाता बंद करते समय आपका निवेश जितना बढ़ा होगा।
निवेश का विकल्प कैसे चुनें?
आप इक्विटी या ई (खतरा ज्यादा और रिटर्न भी ज्यादा), स्थिर आय के साधन अथवा सी (मध्यम खतरा और मध्यम रिटर्न) और पूरी तरह स्थिर निवेश उत्पाद अथवा जी (कम रिटर्न और बहुत कम खतरा) का संगम चुन सकते हैं।
इक्विटी निवेश में अभी इंडेक्स फंड होते हैं, जो सेंसेक्स या निफ्टी की चाल के मुताबिक चलते हैं। सी श्रेणी में लिक्विड फंड, कॉर्पोरेट डेट उपकरण, फिक्स्ड डिपॉजिट और सरकारी बॉन्ड आते हैं। जी श्रेणी में राज्य तथा केंद्र सरकार की प्रतिभूतियां होती हैं। अगर आप निवेश के बारे में तय नहीं कर पाते हैं, तो डिफॉल्ट विकल्प शुरू कर दिया जाएगा।
डिफॉल्ट विकल्प क्या है?
डिफॉल्ट विकल्प में उम्र के मुताबिक निवेश योजना तय होगी। निवेशक की उम्र 18 साल होने पर 50 फीसदी रकम ई, 30 फीसदी सी और 20 फीसदी जी में डाली जाएगी। 36 साल की उम्र के बाद हर साल ई और सी में निवेश घटाकर जी में उसे बढ़ाया जाएगा। 55 साल पर जी में निवेश 80 फीसदी हो जाएगा, जबकि ई और सी में 10-10 फीसदी रह जाएगा।
फंड मैनेजर कौन तय करेगा?
पीएफआरडीए ने 6 फंड मैनेजर चुने हैं- भारतीय स्टेट बैंक, यूटीआई, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, कोटक महिंद्रा, आईडीएफसी और रिलायंस। आपको एक फंड मैनेजर का चुनाव करना होता है।
क्या मैं अपना निवेश संगम और फंड मैनेजर बदल सकता हूं?
मई 2010 के बाद आप फंड मैनेजर बदल सकते हैं।
दूसरे शहर में बस जाऊं, तो?
पीआरएएन नहीं बदलेगा और आप टॉल फ्री नंबर (1-800-222080) पर कॉल कर सकते हैं। आपके पीआरएएन और खाते का ब्योरा सीआरए की वेबसाइट http://www.npscra.nsdl.co.in पर मिल जाएगा।
