HDFC बैंक लिमिटेड का वेल्थ मैनेजमेंट बिजनेस अपने अमीर ग्राहकों की सेवा के लिए रिटेल बैंकरों की मदद लेने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की कमी है। प्रबंध निदेशक राकेश के. सिंह, जो भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक में निवेश, प्राइवेट वेल्थ, अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और डिजिटल इकोसिस्टम के प्रमुख हैं, के अनुसार, वेल्थ मैनेजमेंट बिजनेस के पास 6.47 ट्रिलियन रुपये ($77.2 बिलियन) की संपत्ति है। इसके लिए HDFC बैंक अंदर और बाहर से रिटेल बैंकरों की भर्ती कर रहा है।
सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा, “रिटेल बैंकर ग्राहकों को जानते हैं, वे ये भी जानते हैं कि उनका व्यवहार कैसा होता है।” उन्होंने कहा कि बैंक पिछले कुछ सालों से अपने वित्तीय प्रबंधन टीम को 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक हर साल बढ़ा रहा है, लेकिन इस साल कितने लोगों की भर्ती की जाएगी, इस बारे में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा, “मुंबई स्थित HDFC का वेल्थ मैनेजमेंट बिजनेस लगभग 100 शहरों और कस्बों में करीब 800 रिलेशनशिप मैनेजरों के माध्यम से ग्राहकों की सेवा कर रहा है, जिनमें असम के जोरहाट और तमिलनाडु के सेलम जैसे अक्सर नजरअंदाज किए जाने वाले बाजार भी शामिल हैं। हालांकि, इससे आगे का विस्तार न केवल इस कारण से सीमित हो सकता है कि छोटे शहरों में पर्याप्त हाई नेट वर्थ व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि इसलिए भी कि उन्हें भर्ती के लिए अच्छे कैंडीडेट नहीं मिल रहे।”
सिंह ने कहा, “छोटे स्थानों में जहां हाई नेट वर्थ वाले ग्राहक हो सकते हैं, हमारी सीख यह है कि हम ऐसे कैंडीडेट्स नहीं खोज पा रहे जो उन्हीं बाजारों में हाई नेट वर्थ वाले ग्राहकों से कनेक्ट हो सकें। हम ऐसे कैंडीडेट की तलाश कर रहे हैं जो हाई नेट वर्थ वाले ग्राहकों से कनेक्ट हो सकें और उनका भरोसा जीत सकें।”
जैसा कि नाइट फ्रैंक वेल्थ रिपोर्ट में बताया गया है, भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था $30 मिलियन की संपत्ति वाले व्यक्तियों की संख्या में 2023 और 2028 के बीच 50 प्रतिशत की वृद्धि करने जा रही है। लोग अब अपने पैसे को समझदारी से निवेश करना चाहते हैं, इसलिए वे बैंकों की मदद ले रहे हैं। इस वजह से, बड़े बैंक जैसे एचएसबीसी और बार्क्लेज एक-दूसरे से कंपटीशन कर रहे हैं कि कौन ज्यादा ग्राहकों को अपनी तरफ खींच सकता है।
लेकिन इस कंपटीशन में सबसे बड़ी समस्या यह है कि ऐसे लोग ढूंढना बहुत मुश्किल हो रहा है जो इस काम में माहिर हों। लेकिन ऐसे लोगों को ढूंढना बहुत मुश्किल हो रहा है क्योंकि हर कोई उन्हें हायर करना चाहता है।
राकेश सिंह ने कहा कि रिलेशनशिप मैनेजर्स को दी जाने वाली सैलरी चिंता का विषय है। कुछ को नौकरी बदलने के लिए 40% से 50% से अधिक वेतन वृद्धि का प्रस्ताव दिया जा रहा है। जैसे-जैसे अधिक वेल्थ यूनिट्स स्थापित हो रही हैं और उच्च वेतन की पेशकश कर रही हैं, प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, ऐसा करने से बाजार में उथल-पुथल मच सकती है और कुछ कंपनियां नुकसान में जा सकती हैं।”
सिंह ने कहा, “पूंजी की लागत को बनाए रखना जरूरी है। मेरी चिंता है कि यह समस्या हमारे लिए भविष्य में मुश्किलें खड़ी कर सकती है।” (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)