facebookmetapixel
45% तक मिल सकता है रिटर्न! शानदार नतीजों के बाद Vodafone Idea, Bharti Airtel में तगड़ी तेजी का सिग्नलदिग्गज Defence Stock बन सकता है पोर्टफोलियो का स्टार, ब्रोकरेज का दावा- वैल्यूएशन तगड़ा; 35% रिटर्न का मौका2025 में 7% की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की GDP, मूडीज ने जताया अनुमान35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखा

टाटा की चाय की चुस्की के साथ मुनाफे की महक

Last Updated- December 08, 2022 | 6:05 AM IST

टाटा टी ने लंबा सफर तय किया है। भारत की सबसे बड़ी चाय उगाने वाली यह कंपनी अब ब्रांडेड चाय बेचने के मामले में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है।


उसके पास तमाम ब्रांड हैं, जो कमोबेश हरेक तबके के लिए हैं और उनकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंपनी का दबदबा भी है।

घरेलू बाजार में भी कंपनी ज्यादा से ज्यादा बिक्री पर जोर देती है, जिससे बिक्री के मामले में यह अव्वल कंपनी बन चुकी है।

दूसरे पेय पदार्थों के बाजार में कंपनी ने पिछले दो साल में जो कदम बढ़ाए हैं, उनसे आने वाले वक्त में यह अंतरराष्ट्रीय पेय पदार्थ कंपनी बनने वाली है।

इसके अलावा कंपनी के पास नकद और निवेश की भी कमी नहीं है। कंपनी के पास सालाना 500 करोड़ रुपये आते हैं, जिनसे विस्तार की योजनाओं पर वह आराम से अमल कर सकती है।

चाय – पूरा दबदबा

कंपनी की कुल बिक्री में चाय का योगदान तकरीबन तीन चौथाई है। घरेलू चाय बाजार से उसे 25 फीसदी बिक्री मिलती है और उसके पास ‘टाटा टी प्रीमियम’, ‘टाटा टी अग्नि’, ‘टाटा टी गोल्ड’ और ‘टाटा टी लाइफ’ जैसे ब्रांड हैं। इनके अलावा उसके पास चक्र गोल्ड, कानन देवन और जेमिनी जैसे किफायती क्षेत्रीय ब्रांड भी हैं।


इस कारोबार में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 8 फीसदी का इजाफा हुआ और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13 फीसदी का इजाफा हुआ।
खुली चाय की जगह ब्रांडेड चाय इस्तेमाल करने की बढ़ती आदत भी कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हुई है।

कंपनी को टेटली चाय की ज्यादा बिक्री का नुकसान भी झेला पड़ा था क्योंकि कारोबार में इजाफा कम हुआ।

सेहत के लिए बेहतर ग्रीन टी, फ्रूट ऐंड हर्बल टी, आइस टी जैसे उत्पाद उतारने से कंपनी को देसी और विदेशी बाजारों में अच्छी गुंजाइश नजर आ रही है।

कॉफी और पानी

कंपनी के कुल राजस्व में 20 फीसदी के करीब हिस्सेदारी कॉफी की होती है। पिछले वित्त वर्ष में कॉफी की बिक्री 30 फीसदी बढ़ गई। हालांकि इसमें निर्यात की बड़ी हिससेदारी है, लेकिन कंपनी घरेलू बाजार में भी अपनी जगह बना रही है।

अमेरिका के एट ओ क्लॉक कॉफी जैसे नामी ब्रांडों का अधिग्रहण करने से टाटा टी को फायदा हुआ है और इन बाजारों में उसे बनी-बनाई जगह मिल गई है।

कंपनी रूस और पड़ोसी देशों में भी कदम रख रही है। घरेलू बाजार में कुर्ग, टाटा कैफे और टाटा कपि को नेस्ले और ब्रू से कड़ी टक्कर मिल रही है।

कंपनी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में कुर्ग से काफी उम्मीदें लगा रही है।

निवेश की तस्वीर

टाटा टी चाय की कई किस्में उतार रही है। एनर्जी ड्रिंक भी लाए जा रहे हैं और विज्ञापन पर उसका खर्च भी बदलने की कोई उम्मीद नहीं है। चाय की कीमत बहुत ज्यादा होने की वजह से निकट भविष्य में मुनाफा कम रह सकता है।

घरेलू बाजार में सेहत के प्रति बढ़ता लगाव समूचे चाय उद्योग के लिए खुशखबरी है।

First Published - November 30, 2008 | 10:29 PM IST

संबंधित पोस्ट