आने वाले महीनों में आपको सीआरआर और रेपो रेट में कितनी कटौती की उम्मीद है? क्या इससे गिल्ड फंड में निवेश पर कुछ लाभ मिल सकता है?
सुमीत डालमिया
किसी भी फिक्स्ड इन्कम इन्वेस्टमेंट में चाहे वह गिल्ट हो या कारपोरेट बांड हो या फिर बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट ही क्यों न हां, इनमें तीन तरह के जोखिम होते हैं। ये हैं, क्रेडिट रिस्क, लिक्विडिटी रिस्क और ब्याज दर रिस्क।
अधिक क्रेडिट रिस्क का मतलब यह हुआ कि उधार लेने वाला वापस नहीं चुका पा रहा है। सरकारी प्रतिभूतियों में यह जोखिम बिलकुल शून्य होता है जबकि दूसरे प्रकार के फिक्स्ड इंकम इन्वेस्टमेंट में यह जोखिम अधिक होता है। किसी भी अर्थव्यवस्था में सरकारी प्रतिभूतियों को सबसे कम जोखिम वाला माना जाता है।
इसलिए दूसरे निवेशों की तुलना में गिल्ट फंडो को अधिक सुरक्षित माना जाता है। ब्याज दरों और प्रतिभूतियों की कीमतों के बीच एक उलट संबंध होता है। यह पहले सरकारी बांडों में दिखाई देता है। इसके तहत अगर ब्याज दरें कम होती हैं तो बांड की कीमत बढ़ जाती है।
गिल्ट फंड निवेशक को जोखिम से निपटने में मदद करते हैं खासकर उस समय जब ब्याज दर गिरने की संभावना हो। 24 अक्टूबर 2008 तक पिछले एक साल में डेट फंडों में मीडियम और लांग टर्म डेट फंडों ने सबसे बेहतर रिटर्न दिया। कुछ टॉप रेटेड गिल्ट फंडों ने तो 20 फीसदी तक रिटर्न दिया।
मासिक आय योजना (एमआईपी) कैसी योजना हैं? क्या अल्पावधि में इन फंडों को अच्छा माना जा सकता है ?श्रीनिवास जोशी
एमआईपी एक डेट ओरिएंटेड फंड है जिसका इक्विटी एक्सपोजर बेहद कम है। यह फंड सिर्फ 5 से 20 फीसदी राशि ही इक्विटी में निवेश करता है।
शेष राशि डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश की जाती है। इसके नाम से गफलत में मत पड़िए। हो सकता है कि ये फंड कोई मासिक आय न दें। हालांकि ये फंड अपने एसेट एलोकेशन के माध्यम से 80-95 फीसदी राशि डेट में और 5 से 20 फीसदी राशि इक्विटी में निवेश करते हैं जिससे नियमित आय मिलती रहती है।
यह एमआईपी उन निवेशकों के लिए बेहतर है जो एक निश्चित अंतराल के बाद पैसा चाहते हैं और कम से कम जोखिम चाहते हैं। एमआईपी एक ओपन एंडेड स्कीम है जिसमें कोई भी किसी समय निवेश कर सकता है।
विभिन्न फंड हाउसों ने अपने-अपने एमआईपी जारी कर रखे हैं। इनमें डीएसपीएमएल सेविंग प्लस एग्रेसिव, डीएसपीएमएल सेविंग प्लस कंजरेटिव, डीएसपीएमएल सेविंग प्लस प्रमुख हैं । इनका इक्विटी को एक्सपोजर क्रमश: 30 फीसदी, 20 फीसदी और 10 फीसदी है। शेष राशि ये डेट में लगाते हैं। रिस्क फ्री शॉर्ट टर्म निवेश के लिए एमआईपी उपयुक्त नहीं हैं।
क्यों मैग्नम ग्लोबल फंड हर वित्तीय वर्ष में लाभांश घोषित नहीं करता ? यह एक साल को छोड़कर दूसरे साल ऐसा करता है जबकि इसका एनएवी बेहतर है। आपने इसे तीन स्टॉर रेटिंग दी है।
क्या आप इस फंड की अपने समान दूसरे फंडों की तुलना करते समय कुछ पक्षपात करते हैं ? क्या इसका अर्थ यह है कि यह वितरण योग्य मुनाफा दो वित्तीय वर्षों में एक बार ही अर्जित करता है?
केआरवी सुब्रमण्यन
फंड को यह रेटिंग अपने समान दूसरे फंडों की तुलना में जोखिम मुक्त रिटर्न के पिछले इतिहास को देखते हुए दी गई है।
किसी भी फंड के रिटर्न की गणना करते समय हम किसी लाभांश के पुनर्निवेश को भी शामिल करते हैं। अधिकतर फंड ग्रोथ और डिविडेंड आदि दो विकल्प उपलब्ध कराते हैं। ग्रोथ प्लॉन में सभी प्राप्तियां और आय को एनएवी में शामिल किया जाता है।
लाभांश विकल्प वाला फंड निश्चित समय बाद वितरण योग्य सरप्लस की उपब्धतता के आधार पर लाभांश देते हैं। यह आय ब्याज दर, लाभांश और निवेश के जरिए हासिल रियेलाइज्ड गेन के माध्यम से होती है। मैग्नम पिछले कुछ सालों में अपने रिटर्न को लेकर बेहद उदार रहा है।
मार्च 2007 में इसने 50 फीसदी रिटर्न दिया था। जून 2005 में इसका रिटर्न 42 फीसदी, नवंबर 2004 में 24 फीसदी, जनवरी 2004 में 25 फीसदी और नवंबर 2003 में 10 फीसदी रिटर्न दिया था। मैं एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के एफएमपी में नियमित निवेश कर रहा हूं।
मेरे इससे जुड़े कुछ सवाल हैं।
1, एफएमपी का एनएवी क्या है ? क्या यह ब्याज दर से हुई आय है ? या फिर संबंधित प्रतिभूति की मार्केट वैल्यू?
2, क्या इसमें बैंक की फिक्स्ड डिपाजिट की ही तरह ब्याज दर दी जाती है?
3, किसी एफएमपी में लाभांश को एनएवी का फंक्शन क्यों माना जाता है जब संबंधित प्रतिभूति पर कारोबार नहीं होता?आर. सुब्रमण्यन
किसी एफएमपी का एनएवी उसकी मार्केट वैल्यू बताता है। यह ब्याज के जरिए हासिल आय को बता भी सकता है और नहीं भी।
एफएमपी के जरिए हासिल आय किसी बैंक द्वारा एफडी पर दिए जाने वाले ब्याज के ही समान होती है। किसी फंड द्वारा लाभांश उसके वितरण योग्य सरप्लस से दिया जाता है। यह सरप्लस रियेलाइज्ड इंट्रेस्ट, डिविडेंट और अर्न इंट्रेस्ट है।
एक एफएमपी का पोर्टफोलियो लाभ अर्जित कर सकता है और ब्याज कमा सकता है।
हालांकि यह इसी उपयोगिता को पूरी तरह से परिभाषित नहीं करता। मेच्यौरिटी पर एनएवी बहुत अधिक या फिर बहुत कम हो सकता है। एफडी के प्रकरण में आपको मेच्यौरिटी पर फिक्स्ड रिटर्न और कैपिटल गेन की ग्यारंटी होती है।
1990 के दशक में मैंने कुछ म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश किया था। मैं पिछले साल साल से देश से बाहर हूं लिहाजा मुझे पता नहीं है कि मेरे उस निवेश का क्या हुआ ? मेरा विश्वास है कि उन फंडों मे से जिनमें मैंने निवेश किया था, अधिकांश सक्रिय नहीं हैं।
क्या आप मेरे फंडों के नामों में हुए परिवर्तन और इनके अन्य में विलय के बारे में जानकारी दे सकते हैं? मैंने जिन फंडों में निवेश किया था उनके नाम हैं, यूनिट स्कीम 1992, कैपिटल ग्रोथ यूनिट स्कीम-1992 (मास्टर गेन 1992), यूनिट ग्रोथ स्कीम 5000(1995 को जारी), मास्टर इक्विटी प्लॉन 1991 और यूनिट ग्रोथ स्कीम 2000।
के. एम. श्रीधरन
यूटीआई मास्टर गेन 1992 को छोड़कर शेष सभी योजनाओं का रीडिंप्शन हो चुका है। यूटीआई मास्टर गैन 1992 फंड का नाम 1 जुलाई 2005 से यूटीआई इक्विटी फंड हो गया है।
इसका एनएवी 27 अक्टूबर 24.09 रुपये था। आप इसे किसी भी कार्य दिवस ऑफिस जाकर रिडिंप्शन आवेदन भरकर अपना पैसा वापस ले सकते हैं।