Skip to content
  रविवार 5 फ़रवरी 2023
Trending
February 5, 2023Ford से अधिग्रहीत साणंद संयंत्र को एक-डेढ़ साल में शुरू करने की योजना- Tata MotorsFebruary 5, 2023रीपो रेट में चौथाई प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक : विशेषज्ञFebruary 5, 2023विदेशी निवेशकों की बेरुखी से शेयर बाजार नरम, जनवरी में शेयरों से 28,852 करोड़ रुपये निकालेFebruary 5, 2023Tata Power दिसंबर के अंत तक सौर सेल, मॉड्यूल संयंत्र चालू करेगी: सीईओFebruary 5, 2023Aadhaar-Pan Link: मार्च तक पैन को आधार से नहीं कराया लिंक तो बेकार हो जाएगा आपका पैन कार्ड !February 5, 2023कर्मचारियों, पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते को चार प्रतिशत बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर सकती है सरकारFebruary 5, 2023Godrej Properties ने 2022-23 में 27,500 करोड़ रुपये की बिक्री संभावना वाले 15 प्लॉट खरीदेFebruary 5, 2023वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी से भविष्य की मांग प्रभावित होगी: JLRFebruary 5, 2023Market Cap: सेंसेक्स की शीर्ष 10 में नौ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.88 लाख करोड़ रुपये बढ़ाFebruary 5, 2023प्रधानमंत्री मोदी आज ‘जयपुर महाखेल’ के प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  वित्त-बीमा  सैटेलाइट पोर्टफोलियो में स्मार्ट बीटा फंड
वित्त-बीमा

सैटेलाइट पोर्टफोलियो में स्मार्ट बीटा फंड

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —August 26, 2020 12:26 AM IST0
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

भारतीय निवेशक सक्रिय प्रबंधित फंडों से ज्यादा परिचित हैं। इनमें फंड प्रबंधक ही शेयरों के चयन और अपने पोर्टफोलियो में प्रत्येक शेयर के हिस्से का फैसला लेता है। इस समय आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के अल्फा लो वालटिलिटी 30 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) का न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) चल रहा है। यह ईटीएफ एक उभरती श्रेणी से संबंधित है, जिसे कारक आधारित या स्मार्ट बीटा निवेश कहा जाता है। ऐसे बहुत से ईटीएफ और इंडेक्स फंड पहले से मौजूद हैं, जो गुणवत्ता, कम उतार-चढ़ाव, मूल्य समान भारांश जैसी खूबियों पर आधारित हैं। इनमें से ज्यादातर का तीन साल का रिकॉर्ड है। केवल कुछ का रिकॉर्ड करीब पांच साल का है। इस अवधि में ज्यादातर ने निफ्टी कुल प्रतिफल सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन किया है। केवल एक पिछड़ा है। अब तक के प्रदर्शन को मद्देनजर रखते हुए निवेशकों को इस श्रेणी पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।
स्मार्ट-बीटा के लाभ
भारतीय निवेशक सक्रिय प्रबंधित फंडों से ज्यादा परिचित हैं, जिनमें फंड प्रबंधक शेयर के चयन और अपने पोर्टफोलियो में प्रत्येक शेयर की हिस्से का फैसला लेता है। हाल के समय में ज्यादार फंड प्रबंधक, विशेष रूप से लार्ज कैप फंडों के प्रबंधक अपने बेंचमार्क को मात देने में नाकाम रहे हैं। सक्रिय फंड प्रबंधकों में निरंतरता का अभाव होता है। हो सकता है कि एक फंड प्रबंधक एक साल अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करे, लेकिन दूसरे साल वह ऐसा नहीं कर पाए।
इस वजह से बहुत से समझदार खुदरा और संस्थागत निवेेशकों ने कम लागत वाले पैसिव फंडों (ईटीएफ और इंडेक्स फंडों) का रुख किया है, जो सूचकांक के बराबर प्रतिफल देते हैं। ये फंड हाउस अपने खर्च के अनुपात को कम रखते हैं ताकि उनका प्रतिफल सूचकांक के बराबर रहे। ये फंड बाजारों से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकते, लेकिन उनमें बाजारों से कमजोर प्रदर्शन करने का जोखिम भी खत्म हो जाता है।
स्मार्ट-बीटा उत्पाद ऐसी श्रेेणी में आते हैं, जो ऐक्टिव और पैसिव फंडों के बीच में आती है। एक अच्छा सूचकांक बनाने के लिए कुछ निश्चित कारक या मापदंडनिफ्टी 50 जैसे बड़े सूचकांकों पर लागू किए जाते हैं। इससे प्राप्त छोटे आंकड़े का इस्तेमाल एक अच्छा बीटा सूचकांक बनाने में किया जाता है। डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के प्रमुख (पैसिव निवेश एवं उत्पाद) अनिल घेलानी ने कहा, ‘यह निफ्टी और सेंसेक्स जैसे बुनियादी बाजार पूंजीकरण आधारित सूचकांक की तुलना में ज्यादा प्रतिफल और कम जोखिम मुहैया कराने का प्रयास है।’ शैली में बदलाव यानी ऐक्टिव फंड प्रबंधकों के किसी एक निश्चित रणनीति अपनाने की बात कहकर दूसरी रणनीति को अपनाने का मुद्दा यहां खत्म हो जाता है क्योंकि नियमों के आधार पर पोर्टफोलियो बनाया जाता है। इन फंडों में ऐक्टिव फंडों की तुलना में खर्च का अनुपात भी कम होता है। हालांकि आम तौर पर वे शुद्ध पैसिव फंड की तुलना में महंगे होते हैं। 
हालांकि इन रणनीतियों से मानवीय फैसले खत्म हो जाते हैं, लेकिन वे पूरी तरह पैसिव नहीं हैं। निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के प्रमुख विशाल जैन ने कहा, ‘इसमें सक्रिय फंड प्रबंधन का एक पहलू है क्योंकि किसी सूचकांक में से शेयरों के चुनाव के लिए सोच-समझकर कुछ मापदंड इस्तेमाल किए जाते हैं।’ भारत में ज्यादातर स्मार्ट-बीटा सूचकांक एक कारक पर आधारित हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की तरफ से हाल में पेश नया उत्पाद दो कारकों-अल्फा और कम उतार-चढ़ाव पर आधारित है। दो कारकों को जोडऩे के पीछे मकसद एक सदाबहार पोर्टफोलियो बनाना है।
किन चीजों पर ध्यान दें
निफ्टी 50 या सेंसेक्स जैसे शुद्ध पैसिव फंड में निवेश एक आसान रणनीति है। आप शेयरों के एक विविधीकृत समूह में निवेश करते और उससे मिलने वाला प्रतिफल स्वीकार करते हैं। कारक आधारित निवेश में जब आप फिल्टर यानी मापदंड तय करते हैं और शेयरों की संख्या घटा देते हैं तो कई चीजें होती हैं। पहली, विविधीकरण का स्तर घट जाता है और पोर्टफोलियो का जोखिम बढ़ जाता है। दूसरी, कोई भी एक रणनीति हमेशा कारगर नहीं रहती है। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के मुख्य वित्तीय योजनाकार विशाल धवन ने कहा, ‘बाजार में अल्फा सृजन का स्रोत हमेशा बदलता रहता है।’ निवेशकों को कमजोर प्रदर्शन के दौर के लिए भी कमर कसनी होगी। वे इन योजनाओं में प्रवेश और निकासी कर सकते हैं या अगर वे लंबे तक अपने निवेश को बनाए रखना चाहते हैं तो उन्हें कमजोर प्रदर्शन के दौर में इंतजार करना चाहिए। हालांकि फंड हाउस यह साबित करने के लिए बीते समय के आंकड़े दिखा सकते हैं कि यह रणनीति उनके द्वारा संचालित बास्केट में सफल रही है। लेकिन इस रणनीति के आगे कारगर रहने की कोई गारंटी नहीं है। इसकी वजह यह है कि बाजार की स्थितियां लगातार बदलती रहती हैं और आम तौर पर भविष्य भूत से अलग होता है।  इन रणनीतियों पर आधारित ईटीएफ की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) कम हैं। उनमें बहुत कम तरलता है। इस वजह से ऐसा दौर भी आ सकता है, जब नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) और कारोबारी कीमत के बीच अहम अंतर हो। इस जोखिम से कोई इंडेक्स फंड चुनकर (अगर वह फॉरमेट उपलब्ध है) बचा सकता है। ईटीएफ में एसआईपी और एसटीपी भी संभव नहीं है।
इन रणनीतियों में से हरेक कुछ मुद्दों का समाधान कर सकती है, लेकिन सभी का नहीं। उदाहरण के लिए उच्च गुणवत्ता का दावा करने वाले पोर्टफोलियो का मूल्यांकन ऊंचा हो सकता है।
किसे अपनाना चाहिए?
जो निवेशक किसी फंड प्रबंधक के साथ नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन सूचकांक से बेहतर प्रतिफल प्राप्त करना चाहते हैं, वे ऐसी योजनाओं को अपना सकते हैं। ये बाजार की अच्छी समझ रखने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रमुख (ईटीएफ कारोबार) नितिन कबाडी ने कहा, ‘जिन लोगों में जोखिम लेने की क्षमता है और जो इसे समझते हैं, वे ऐसे उत्पादों में निवेश कर सकते हैं।’ धवन के मुताबिक निवेशक को अपने मौजूदा पोर्टफोलियो की विशेषताओं को समझना चाहिए ताकि वह ऐसा स्मार्ट बीटा सूचकांक चुन सके, जो उसका पूरक बने। वह कहते हैं, ‘उदाहरण के लिए अगर निवेशक यह जानता है कि उसका पोर्टफोलियो हाई बीटा है, तभी वह निम्न उतार-चढ़ाव की रणनीति को अपना सकता है।’ अन्य लोगों को इन उत्पादों का चयन करते समय वित्तीय सलाहकारों की सलाह लेनी चाहिए। जो निवेशक सुनियोजित उन पर दांव लगाना चाहते हैं, उन्हें या तो यह जानना चाहिए कि कब प्रवेश करें और कब निकलें या किसी सलाहकार की मदद लेनी चाहिए।  निवेशकों को एक कोर और एक सैटेलाइट पोर्टफोलियो बनाना चाहिए। कोर पोर्टफोलियो को निफ्टी 50 या सेंसेक्स आधारित ईटीएफ या इंडेक्स फंड जैसे कम जोखिम वाले उत्पादों से भरा जाना चाहिए। उसके बाद निवेशकों को अपने सैटेलाइट पोर्टफोलियो में इन स्मार्ट बीटा रणनीतियों पर दांव लगाना चाहिए। अगर उन्हें इन उत्पादों का अवधि का ट्रैक रिकॉर्ड नहीं मिलात है तो उन्हें इनमें कुल इक्विटी पोर्टफोलियो के पांच से 10 फीसदी से अधिक निवेश नहीं करना चाहिए।

इंडेक्स फंडईटीएफएनएफओनिवेशकशेयरसैटेलाइट पोर्टफोलियोस्मार्ट बीटा फंड
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

भारतीय बाजार रेगुलेटेड बने हुए हैं : वित्त मंत्री सीतारमण

February 3, 2023 11:28 PM IST0
आज का अखबार

Adani Row : अदाणी समूह की कंपनियों के डॉलर बॉन्डों में तेजी

February 3, 2023 11:16 PM IST0
आज का अखबार

Adani Group के शेयरों के दाम में गिरावट के बीच RBI ने कहा, कंपनियों को लोन मानकों के तहत

February 3, 2023 10:52 PM IST0
आज का अखबार

SBI Q3 Results : सर्वोच्च स्तर पर पंहुचा बैंक का दिसंबर तिमाही का मुनाफा

February 3, 2023 10:29 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

चीन का एक और निगरानी गुब्बारा लातिन अमेरिका के ऊपर से गुजर रहा : पेंटागन

February 4, 2023 10:10 AM IST0
अन्य

आज नहीं चलेंगी 300 से अधिक ट्रेनें, भारतीय रेलवे ने शताब्दी समेत कई गाड़ियों को किया रद्द

February 4, 2023 9:50 AM IST0
आपका पैसा

रिवाइज्ड न्यू टैक्स रिजीम को ‘शानदार’ रिस्पांस मिलने की उम्मीद: CBDT प्रमुख

February 3, 2023 4:02 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Pakistan Crisis : पाकिस्तान की हालत गंभीर, सिर्फ तीन हफ्ते के इम्पोर्ट का बचा पैसा

February 3, 2023 3:52 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

हांगकांग और चीन के बीच यात्रा के लिए अब नहीं किया जाएगा COVID-19 टेस्ट

February 3, 2023 1:07 PM IST0
अन्य समाचार

Hindenburg effect: अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में जारी है गिरावट,अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 20 फीसदी टूटा

February 3, 2023 12:23 PM IST0

Trending Topics


  • Gold Prices Today
  • Stock Market Update
  • Adani Enterprises Share Price
  • Rupee vs Dollar
  • Stocks To Watch
  • Adani FPO
  • New Income Tax Regime
  • Online Gaming | Budget 2023
  • Union Budget 2023

सबकी नजर


Ford से अधिग्रहीत साणंद संयंत्र को एक-डेढ़ साल में शुरू करने की योजना- Tata Motors

February 5, 2023 4:28 PM IST

रीपो रेट में चौथाई प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक : विशेषज्ञ

February 5, 2023 4:06 PM IST

विदेशी निवेशकों की बेरुखी से शेयर बाजार नरम, जनवरी में शेयरों से 28,852 करोड़ रुपये निकाले

February 5, 2023 4:03 PM IST

Tata Power दिसंबर के अंत तक सौर सेल, मॉड्यूल संयंत्र चालू करेगी: सीईओ

February 5, 2023 3:41 PM IST

Aadhaar-Pan Link: मार्च तक पैन को आधार से नहीं कराया लिंक तो बेकार हो जाएगा आपका पैन कार्ड !

February 5, 2023 3:35 PM IST

Latest News


  • Ford से अधिग्रहीत साणंद संयंत्र को एक-डेढ़ साल में शुरू करने की योजना- Tata Motors
    by भाषा
    February 5, 2023
  • रीपो रेट में चौथाई प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक : विशेषज्ञ
    by भाषा
    February 5, 2023
  • विदेशी निवेशकों की बेरुखी से शेयर बाजार नरम, जनवरी में शेयरों से 28,852 करोड़ रुपये निकाले
    by भाषा
    February 5, 2023
  • Tata Power दिसंबर के अंत तक सौर सेल, मॉड्यूल संयंत्र चालू करेगी: सीईओ
    by भाषा
    February 5, 2023
  • Aadhaar-Pan Link: मार्च तक पैन को आधार से नहीं कराया लिंक तो बेकार हो जाएगा आपका पैन कार्ड !
    by भाषा
    February 5, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60841.88 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60842
9101.52%
निफ्टी60842
9100%
सीएनएक्स 50014962
1230.83%
रुपया-डॉलर81.91
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Mahindra Life.379.208.31
Adani Ports498.857.98
AAVAS Financiers1996.757.33
Titan Company2463.206.87
Bank of Baroda163.656.20
Rajesh Exports946.906.15
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
Mahindra Life.380.058.80
Adani Ports498.857.87
AAVAS Financiers1998.657.37
Titan Company2463.106.72
Bank of Baroda163.606.20
Ambuja Cements373.605.97
आगे पढ़े  

# TRENDING

Gold Prices TodayStock Market UpdateAdani Enterprises Share PriceRupee vs DollarStocks To WatchAdani FPONew Income Tax RegimeOnline Gaming | Budget 2023Union Budget 2023
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us