लघु वित्त बैंकों के प्रमुखों ने अपने कारोबार को लेकर उत्साह का परिचय दिया है। इन बैंकों के प्रमुखों का कहना है कि लघु बैंक निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों को आने वाले समय में कड़ी टक्कर दे सकते हैं। इन बैंकों के प्रमुखों का कहना है कि लघु वित्त बैंक अपनी योजनाओं में विविधता ला रहे हैं और नेटवर्क के विस्तार पर खासा जोर दे रहे हैं। उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक के संस्थापक समित घोष ने कहा, ‘जब हमने पांच वर्ष पहले कारोबार शुरू किया था तो लगा था कि हमें एक लंबा सफर तय करना होगा मगर बाद में कारोबारी सफर आसान होता गया।’
नोटबंदी और कोविड महामारी की दोहरी मार के बावजूद उज्जीवन एसएफबी का बहीखाता बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गया जो 2017 में महज 7,000 करोड़ रुपये था। इस वित्त वर्ष दो तिमाहियों में उज्जीवन को 500 करोड़ रुपये का शानदार मुनाफा हुआ है। घोष ने कहा, ‘इस साल हमें इसी तेजी के साथ मुनाफा अर्जित करने का भरोसा है।’ घोष ने उम्मीद जताई कि अगले पांच वर्षों में एसएफबी किसी भी बड़े निजी बैंक को टक्कर देने की स्थिति में होंगे।
ईएसएएफ एसएफबी के संस्थापक के पॉल थॉमस ने कहा कि केवल दो तिमाहियों को छोड़कर उनका बैंक मुनाफे में रहा है। थॉमस ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान दो तिमाहियों में बैंक मुनाफा कमाने में असफल रहा था। ईएसएएफ एसएफबी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति 2000 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,000 करोड़ रुपये हो गया है। ईएसएएफ एसएफबी खुदरा ग्राहकों को भी जोड़ने में सफल रहा है। थॉमस ने कहा, ‘हमारे पास कुल जमा रकम में करीब 92 प्रतिशत खुदरा जमा हैं। बैंक नई योजनाएं लाने और ग्राहकों का संख्या बढ़ाने पर भी ध्यान दे रहा है। पहले देश के 8 राज्यों में हमारी उपस्थिति थी, जो अब बढ़कर 23 हो गई है।’
सूर्योदय स्मॉल फाइनैंस बैंक के सीईओ एवं सह-संस्थापक भास्कर बाबू रामचंद्रन ने कहा कि कारोबार की राह में चुनौतियां जरूर रही हैं मगर जल्द ही रफ्तार तेज हो जाएगी। रामचंद्रन ने कहा, ‘बैंकिंग कारोबार की राह लंबी जरूर हैं मगर पेचीदा बिल्कुल नहीं है।’ इक्विटास एसएफबी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पी एन वासुदेवन ने कहा कि उनका बैंक रकम जुटाने की लागत कम करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगले पांच वर्षों के दौरान कारोबार के लिए रकम जुटाने की लागत और कम होनी चाहिए।
एनबीएफसी के रूप में कारोबार शुरू करने वाले किसी बैंक के लिए बैंकों की तरह ही सस्ती रकम जुटाने में 10 वर्षों तक का समय लग सकता है।’ उन्होंने कहा कि उनके बैंक ने ओवरड्राफ्ट सुविधा भी शुरू की है और अपने ग्राहकों को इस सेवा के बारे में जानकारी दे रही है। उन्होंने कहा कि एसएफबी के लिए वित्तीय समावेशन काफी अहम है। वासुदेवन ने कहा कि देश में वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया तेज होने से लघु वित्त बैंकों को काफी लाभ मिलेगा। एमएफआईएन के सीईओ एवं निदेशक आलोक मिश्रा ने कहा कि देश में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए लघु वित्त बैंकों ने काफी मेहनत की है और इसमें उन्हें सफलता भी मिली है। मिश्रा ने कहा कि केवल दो वर्षों में ही लघु वित्त बैंकों ने बैकिंग क्षेत्र की कुल जमा रकम के 2 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा जमाने में सफल रहे हैं।