वित्त-बीमा

SBI चेयरमैन शेट्टी ने कहा: ECL अपनाने से बैंक के बही खाते पर सीमित असर

एसबीआई इसे लागू करने की शर्तों के लिए तैयार है लेकिन केंद्रीय बैंक के जारी अंतिम दिशानिर्देशों में कुछ बदलाव की जरूरत है

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- October 08, 2025 | 11:31 PM IST

भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उच्च प्रावधान की जरूरतों के विस्तार के लिए 1 अप्रैल, 2027 से शुरू होने वाले प्रस्तावित मार्ग (ग्लाइड पाथ) के साथ मौजूदा ‘घटित नुकसान’ के मसौदे की जगह अपेक्षित ऋण क्षति (ईसीएल) को अपनाने से बैंक के बही खाते पर सीमिति प्रभाव पड़ेगा। एसबीआई इसे लागू करने की शर्तों के लिए तैयार है लेकिन केंद्रीय बैंक के जारी अंतिम दिशानिर्देशों में कुछ बदलाव की जरूरत है।

उन्होंने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के इतर कहा, ‘हम तकनीकी रूप से ईसीएल की शर्तों के मॉडल के लिए तैयार हैं लेकिन अंतिम दिशानिर्देशों के आधार पर कुछ समायोजन की जरूरत पड़ सकती है।’ उन्होंने बताया, ‘लेन देन के लिए दीर्घावधि समय दिया गया है। हम विश्वास करते हैं कि इनका बैंक के बही खाते पर सीमित प्रभाव पड़ेगा।’ अभी रिजर्व बैंक को ईसीएल मानदंडों के मसौदे की घोषणा करनी है। इस बारे में विचार विमर्श पत्र 2023 की शुरुआत में जारी किया गया था।

रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बीते सप्ताह कहा था कि ईसीएल के मसौदे के उपबंधों में विवेकपूर्ण प्रस्ताव पेश किए गए थे। यह सभी वाणिज्यिक बैंकों (जिन पर लागू नहीं होगा, वे हैं- स्मॉल फाइनैंस बैंक, पेमेंट बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान) पर 1 अप्रैल, 2027 से लागू होंगे। इनके लिए प्रस्तावित मार्ग (ग्लाइड पथ) 31 मार्च, 2031 दिया जाएगा ताकि मौजूदा बही खाते पर उच्च प्रावधान के एकमुश्त प्रावधान को कम किया जा सके।

मसौदा प्रारूप में अग्रिम ईसीएल मॉडल है जिसमें तीन चरणों में वर्गीकरण : चरण 1 (प्रदर्शन), चरण 2 (ऋण जोखिम में महत्त्वपूर्ण वृद्धि (एसआईसीआर) > 30 डीपीडी या अन्य जोखिम अचानक से बढ़ना और चरण 3 ऋण-क्षतिग्रस्त/एनपीए। रिजर्व बैंक ने निचले उपबंधों को रोकने के लिए नियामकीय तरीके पेश किए हैं। इस क्रम में चरण 1 (0.25-1.25 प्रतिशत), चरण 2 (1.5-5 प्रतिशत) और चरण 3 (उम्र और कौलेटरल के आधार पर 25-100 प्रतिशत) हैं।

इसके अलावा, शेट्टी ने कहा कि एसबीआई जैसे बैंक अधिग्रहण को धन मुहैया कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस क्रम में एसबीआई भारत के कॉरपोरेट्स को विदेशी में अधिग्रहण के लिए पहले ही धन मुहैया करवा रही है।

First Published : October 8, 2025 | 11:25 PM IST