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पोर्टफोलियो के संतुलन में ऋण फंडों की भूमिका

Last Updated- December 07, 2022 | 2:45 AM IST

पूरी तरह से विशाखित पोर्टफोलियो और अत्यंत विशाखित पोर्टफोलियो के बीच एक बहुत ही पतली रेखा होती है।


और कई मामले में तो ऐसा देखा जाता है कि निवेशक इन दोनों के बीच अंतर कर पाने में सक्षम नहीं होता है। इसी तरह की बात श्रीमान बंसल भी कहते हैं।

13 इक्विटी डाइवर्सिफाइड फंड और 61 उच्च मूल्य वाली पोर्टफोलियो वाले शेयरों  में निवेश करने के बाद उन्हें भी लगता है कि यह एक पूरी तरह से अलग यानी सुविशाखित पोर्टफोलियो है। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं है। उनका पोर्टफोलियो कुल मिलाकर 242 स्टॉकों में निवेशित है (जिसमें म्युचुअल फंड में किया गया निवेश भी शामिल है), जिनमें से 92 प्रतिशत स्टॉकों में एक प्रतिशत से भी कम का निवेश पोर्टफोलियो फंड में नही हुआ है।

इस तरह से यह पोर्टफोलियो एक प्रकार का ओवर डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनकर रह जाता है और यह पोर्टफोलियो प्रबंधन को एक मुश्किल भरा काम बना देता है। वैसे इस बावत एक अच्छी खबर यह है कि पोर्टफोलियो की गुणवत्ता उच्चस्तरीय होती है। इसमें लार्ज कैप स्टॉक और बड़ी कंपनियों के प्रत्यक्ष निवेश का 70 प्रतिशत हिस्सा आता है।

अगर हम गुणवत्ता की बात करें तो बंसल का पोर्टफोलियो में निवेश एक सही रास्ते पर उठाया गया कदम है। जबकि उसे इस बात की जांच करने की जरुरत है कि किसी एक कंपनी में हो रहे निवेश पर वह अपनी नजर रखे। इस पोर्टफोलियो का 18 प्रतिशत अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज का है।

पोर्टफोलियो की निर्भरता एक कंपनी पर ज्यादा होती है। पोर्टफोलियो के कुल निवेश का करीब 30 प्रतिशत ऊर्जा क्षेत्र से आता है। वैसे किसी एक कंपनी या किसी एक क्षेत्र पर पोर्टफोलियो की निर्भरता को खत्म करना चाहिए क्योंकि इससे इसका प्रदर्शन प्रभावित होता है और यहीं वजह है कि इसमें जोखिम की संभावना भी बढ़ जाती है।

एक चीज जो पोर्टफोलियो में नहीं होता है वह है ऋण का कारक। ऋण पोर्टफोलियो को एक संतुलन प्रदान करता है और जब भी जरुरत पड़ती है तो उसे स्थायित्व भी देता है। अगर आप आगे पोर्टफोलियो के प्रति आशान्वित रहना चाहते हैं तो हम आपको तीन जरुरी उपाय बताते हैं जिसे कार्यान्वित करना उचित रहेगा। इन सारी योजनाओं को क्रमबद्ध तरीके से मूल्यांकित किया जा रहा है। बंसल भी इन तीनों में से कोई एक प्लान को चुन सकता है।

प्लान 1:
प्रत्यक्ष इक्विटी निवेश

अगर किसी व्यक्ति में यह क्षमता है कि वह बहुत सारी कंपनियों के बारे में खुद से जांच परख कर सकता है और उसका प्रबंधन कर सकता है तो ही उसे इक्विटी में निवेश करना चाहिए। इक्विटी में निवेश करने वाले को अपने आप पर काफी भरोसा होना चाहिए क्योंकि इसमें जोखिम की संभावना अत्यधिक होती है।

निवेश करने वाले व्यक्ति को अपना दिल मजबूत रखना चाहिए ताकि बाजार के उतार चढ़ाव में दिल की धड़कन पर नियंत्रण रखा जा सके। अगर आप इन चीजों के साथ अपने आप को उपयुक्त मानते हैं तो आगे बढिए और इक्विटी पोर्टफोलियो में प्रत्यक्ष निवेश कर सकते हैं।

इसके बावजूद कि आप इक्विटी में निवेश कर रहे हैं, आपको अपने कुछ शेयर म्युचुअल फंड और उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों में भी निवेश करना चाहिए। वैसे हम म्युचुअल फंड में निवेश को तब प्राथमिकता नही देते जब आप आसानी से पोर्टफोलियो में निवेश को प्रबंधित कर पाते हैं।

आपके मामले में चकबंदी एक रास्ता हो सकता है। इक्विटी में निवेश के लिए पोर्टफोलियो के 20 से 25 शेयर काफी है। वैसे भी पोर्टफोलियो में निवेश करते समय कंपनियों की गुणवत्ता की परख करनी ही होती है इसलिए निवेश के लिए अच्छी कंपनियों का चयन करना चाहिए। इसके बाद क्रमबद्ध तरीके से आपको अपने निवेश म्युचुअल फंड या स्टॉक में एक साल की होल्डिंग से पहले करना चाहिए।

आप इस बात को सुनिश्चित कर लें कि अगर होल्डिंग के एक साल से पहले आप इससे बाहर भी होते हैं तो अल्पावधि के कैपिटल लाभ का 15 प्रतिशत कर चुका पाने में आप सक्षम हैं। इसलिए बाहर होने से पहले की तारीख और पुन: निवेश करने की तारीख को अवश्य नोट कर लें।

प्लान 2
एक्टिवली मैनेज्ड इक्विटी फंड

इस तरह के प्लान में आप तब ही निवेश करे जब आप चीजों को सरल तरीके से लेते हैं और निरंतर निवेश के घालमेल में नही पड़ना चाहते हैं। म्युचुअल फंड में निवेश करें क्योंकि इसमें होता तो कुछ नहीं है लेकिन अप्रत्यक्ष तरीके से इसके जरिये आप स्टॉक बाजार में निवेश कर पाते हैं।

अगर आप किसी एक गुणवत्ता पूर्ण फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप किस तरह की विविधता पाते हैं और व्यावसायिक प्रबंधन में आप कितने माहिर हैं ताकि लाभों को अच्छे तरीके से भुनाया जा सके।

इस रणनीति को क्रियान्वित करने के लिए आपको प्रत्यक्ष निवेश से बाहर हो जाना चाहिए और इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। इसके साथ इस तरह का निवेश क्रमबद्ध तरीके से होना चाहिए और एक ही झटके में सारे निवेश से बचना चाहिए। आपको सुनियोजित निवेश योजना (सिप) को अपनाना चाहिए और अपने निवेश को अगले 6 से 12 महीने में विस्तारित करना चाहिए।

शुद्ध पोर्टफोलियो को बनाने के लिए 10 से 12 अच्छी रेटेड इक्विटी डायवर्सिफाइड फंड से ज्यादा का चयन नही करना चाहिए और इसके पिछले प्रदर्शन का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। हम आपको 11 फंड में निवेश की सलाह देंगे (जिसमें दो म्युचुअल फंड में निवेश भी शामिल होगा) । इस तरह आपको एक नया फंड बिरला फ्रंटलाइन इक्विटी में निवेश करना चाहिए और रिलायंस डायवर्सिफाइड पावर और सुंदरम कै पेक्स अपर्ॉच्युनिटीज में निवेश से बचना चाहिए क्योंकि इन शेयरों में जोखिम ज्यादा होता है।

प्लान 3
इंडेक्स फंड

निवेश के लिए दूसरा विकल्प एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है। इंडेक्स फंड में निवेश एक शांतपूर्ण तरीके से होता है और ये निवेश सेंसेक्स या निफ्टी के जरिये होता है। इस तरह का फंड निवेश इंडेक्स में शेयरों के वेटेज के मुताबिक किया जाता है। इस तरह से किए गए निवेश में प्राप्ति बाजार की गतिशीलता पर निर्भर करती है।

यह फंड ईटीएफ की तरह ट्रेड किया जाता है और इसमें कभी भी प्रवेश किया जाता है और कभी भी इससे निकला जा सकता है। इसमें किया जाने वाला निवेश एक प्रकार का स्टॉक में प्रत्यक्ष निवेश होता है।

इसके लिए हम आपको कुछ अच्छे प्रदर्शन करने वाले एक्सचेंज ट्रेडेड इंडेक्स फंड का नाम बताएंगे जो निफ्टी, जूनियर निफ्टी और सेंसेक्स में अपना धमाल मचाते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल स्पाईस, निफ्टी बीईएस कुछ ऐसे ही ईटीएफ हैं जो आपके लिए छांटे गए हैं। आप इनमें से कुछ फंड को छांट सकते हैं और इंडेक्स में अपना निवेश कर सकते हैं।

ऋण वितरण और पोर्टफोलियो का पुनर्संतुलन

अब हम पोर्टफोलियो में ऋण वितरण के मुद्दे पर नजर डालते हैं। ऊपर के तीन विकल्पों में निवेश के लिए आप जो भी विकल्प चुनें, लेकिन इसके अलावा भी आपको उधार या ऋण में भी निवेश करना चाहिए।

एक अपेक्षित ऋण कारकों में निवेश करने से जोखिम की संभावना कम होती है और स्थायित्व की भी गुंजाइश होती है और जब भी जरुरत पड़े, इसमें पुन: संतुलन की संभावना भी होती है।

अगर आपके पास आय का कोई नियत स्रोत न हो और अगर आपने इक्विटी में पूरी तरह से निवेश कर चुके हैं तो भी आपको ऋण पोर्टफोलियो में निवेश करना चाहिए। इसके लिए आप कुछ बेहतरीन रेटेड डेट फंड जैसे कोटक फ्लेक्सी डेट, एबीएन एम्रो फ्लेक्सी डेट या बिरला सन लाइफ इनकम को चुनना चाहिए। इसमें निवेश करने के बाद भी आपको इन फंड के प्रदर्शन को समय समय पर देखते रहना चाहिए। प्रत्येक छह महीने पर इसकी जांच अवश्य करनी चाहिए।

First Published - June 1, 2008 | 11:13 PM IST

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