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IndusInd Bank पर RBI का बड़ा बयान, बोले गवर्नर- गलतियां ठीक करने के लिए बैंक कर रहा अच्छे से काम

RBI ने यह भी दोहराया कि इस तरह की घटनाएं समय-समय पर हो सकती हैं, लेकिन जब तक ये कम और सीमित रहती हैं, तब तक इन्हें लेकर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है।

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- June 06, 2025 | 9:35 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इंडसइंड बैंक में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो और अन्य क्षेत्रों में सामने आई अकाउंटिग गड़बड़ियों के बाद सुधार के लिए उठाए गए कदमों से काफी हद तक संतुष्ट है। इन गड़बड़ियों के चलते बैंक के शीर्ष प्रबंधन को इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने यह भी साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ने पर वह आगे की कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा। RBI ने यह भी दोहराया कि इस तरह की घटनाएं समय-समय पर हो सकती हैं, लेकिन जब तक ये कम और सीमित रहती हैं, तब तक इन्हें लेकर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है।

इसके साथ ही, इंडसइंड बैंक की घटना के बाद RBI ने अपनी निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया है और अपने पर्यवेक्षण के तरीके को इस तरह से ढाला है कि भविष्य में ऐसी किसी भी चेतावनी को पहले ही पहचाना जा सके। शुक्रवार को केंद्रीय बैंक की इन टिप्पणियों के बाद इंडसइंड बैंक के शेयर बीएसई पर 2.50% की तेजी के साथ चढ़ गए।

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बैंक कर रहा अच्छे से काम

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “MD और CEO ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है, जो कि काफी होना चाहिए। अगर इसमें कोई आपराधिक गतिविधि हुई है तो कानून अपना काम करेगा, और अगर RBI को कदम उठाने की जरूरत पड़ी तो वह अपनी जिम्मेदारी निभाने में पीछे नहीं हटेगा।”

उन्होंने आगे कहा, “ऐसी घटनाएं होती रहती हैं और जब तक इनकी संख्या बहुत कम है, तब तक हमें ज्यादा चिंता नहीं होती। बैंक ने अपनी अकाउंटिंग सिस्टम और अन्य प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। कुल मिलाकर, बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।”

इंडसइंड बैंक से जुड़े मामले पर गवर्नर की टिप्पणी को आगे बढ़ाते हुए RBI के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना था कि सभी गड़बड़ियों का सही तरीके से लेखा-जोखा हो, जो आंतरिक और बाहरी ऑडिट से प्रमाणित हो, और इसका असर चौथी तिमाही के नतीजों में दिखे। उन्होंने कहा कि बैंक ने यह प्रक्रिया पूरी कर ली है।

Q4FY25 में बैंक का शुद्ध घाटा ₹2,329 करोड़

जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY25) में बैंक ने ₹2,329 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया। यह नुकसान मुख्य रूप से इसलिए हुआ क्योंकि बैंक ने तिमाही के दौरान डेरिवेटिव्स और माइक्रोफाइनेंस सेगमेंट में सामने आई अकाउंटिंग गड़बड़ियों से जुड़ी गलत तरीके से दर्ज की गई आय और रेवेन्यू को रिवर्स किया।

अपनी अब तक की सबसे बड़ी तिमाही हानि के साथ-साथ, बैंक ने यह भी खुलासा किया कि उसके बोर्ड को संदेह है कि बैंक के साथ धोखाधड़ी की गई हो सकती है। इस संभावित धोखाधड़ी में कुछ ऐसे कर्मचारियों की संलिप्तता हो सकती है, जिनकी भूमिका लेखांकन और वित्तीय रिपोर्टिंग में अहम रही है।

इस पर बोर्ड ने निर्देश दिया है कि संबंधित कानूनों के तहत जरूरी कदम उठाए जाएं, जिनमें नियामक संस्थाओं और जांच एजेंसियों को रिपोर्ट करना और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार सभी लोगों की जवाबदेही तय करना शामिल है।

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इसके अलावा, डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन ने कहा कि RBI चाहता था कि एक फॉरेंसिक ऑडिट और जवाबदेही की प्रक्रिया पूरी की जाए, ताकि जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जा सके। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी की जांच पूरी हो चुकी है और अब कानून प्रवर्तन एजेंसियां आगे की कार्रवाई करेंगी।

उन्होंने यह भी बताया कि इस पूरे मामले के दौरान RBI ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी ग्राहक को नुकसान या असुविधा न हो और इस घटना का बैंकिंग प्रणाली पर कोई व्यापक असर न पड़े।

स्वामीनाथन ने कहा, “पिछले तीन महीनों में जो कुछ होना था, वह लगभग तय योजना के अनुसार हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगर तुरंत नहीं तो बहुत जल्द यह स्थिति सामान्य हो जाएगी।”

बैंक को नए सीईओ की तलाश

ग्रांट थॉर्नटन रिपोर्ट में उजागर की गई लेखा गड़बड़ियों के चलते हुए नुकसान की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सुमंत कठपालिया और अरुण खुराना ने क्रमशः एमडी और सीईओ तथा डिप्टी सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है। फिलहाल बैंक का संचालन एक कार्यकारी समिति द्वारा किया जा रहा है, जिसमें सौमित्र सेन (हेड – कंज़्यूमर बैंकिंग) और अनिल राव (चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर) शामिल हैं। जब तक नया सीईओ नियुक्त नहीं होता, यह समिति बैंक का कामकाज संभालेगी। नए संभावित सीईओ के नाम RBI को सौंपने की अंतिम तारीख 30 जून तय की गई है।

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वरिष्ठ अधिकारियों ने की इनसाइडर ट्रेडिंग

इस बीच, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सुमंत कठपालिया और अरुण खुराना और तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें अनिल राव भी शामिल हैं, पर इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के कथित उल्लंघन के चलते सीधे या परोक्ष रूप से सिक्योरिटीज में ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी है। बाजार नियामक ने इन अधिकारियों को कुल ₹19.78 करोड़ की राशि लौटाने का निर्देश भी दिया है।

सेबी द्वारा की गई ईमेल जांच से यह सामने आया कि बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन, जिनमें CFO भी शामिल थे, को नवंबर 2023 में ही इन लेखा गड़बड़ियों की जानकारी थी। इसके बावजूद, बैंक ने इस जानकारी का समय पर खुलासा नहीं किया और डेरिवेटिव्स से हुए नुकसान से जुड़ी जानकारी को “अप्रकाशित मूल्य-संवेदनशील जानकारी” (UPSI) के रूप में केवल 4 मार्च को वर्गीकृत किया। इसके बाद बैंक ने 10 मार्च को स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी, जिसके बाद इंडसइंड बैंक का शेयर 27 फीसदी तक गिर गया।

First Published : June 6, 2025 | 6:06 PM IST