आरक्षित धन के प्रमुख घटक मुद्रा के सर्कुलेशन की वृद्धि 2024-25 में 5.8 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि यह एक वर्ष पहले की अवधि में 4.1 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार आरक्षित धन में मुद्रा सर्कुलेशन की हिस्सेदारी 76.9 प्रतिशत थी। प्रचलन में जारी 2000 रुपये के नोट को वापस लेने की प्रक्रिया 19 मई, 2023 से शुरू हुई थी। इसके बाद 31 मार्च तक 2000 के रुपये 98.2 प्रतिशत 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं। केंद्रीय बैंक के 19 जारीकर्ता कार्यालय में 2000 रुपये के नोट बदलने और जमा करने की सुविधा उपलब्ध है।
भारतीय रिजर्व बैंक की 2024-25 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार ई रुपये का सर्कुलेशन 334 प्रतिशत बढ़ गया। मार्च की समाप्ति पर केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की प्रायोगिक परियोजना का विस्तार 17 बैंकों और 60 लाख उपयोगकर्ताओं तक किया गया। इसके अलावा चार एकल प्राथमिक डीलरों को शामिल करने से थोक सीबीडीसी के दायरे का और विस्तार हो गया था।
केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी सहित डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल बढ़ने से मुद्रा-जीडीपी का अनुपा और सुस्त हो गया। वर्ष 2024-25 में खुदरा डिजिटल भुगतान का मूल्य 17.9 प्रतिशत और मात्रा 35 प्रतिशत बढ़ गई थी। वर्ष 2024-25 में बैंक नोट के चलन का मूल्य छह प्रतिशत और संख्या 5.6 प्रतिशत बढ़ गई।