भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जेएम फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स पर आज कई तरह की पाबंदियां लगा दी। केंद्रीय बैंक ने जेएम फाइनैंशियल को शेयर और डिबेंचर के एवज में कर्ज देने पर तत्काल रोक लगा दी। साथ ही आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और डिबेंचर पर कर्ज की स्वीकृति और वितरण से भी मना कर दिया है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि जेएम फाइनैंशियल का विशेष ऑडिट किया जाएगा और इस ऑडिट के परिणाम के बाद ही प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी। हालांकि जेएम फाइनैंशियल सामान्य संग्रह और वसूली प्रक्रिया के जरिये अपने मौजूदा ऋण खातों से जुड़ी गतिविधियां चालू रख सकती है।
नियामक ने कहा कि आईपीओ फाइनैंस करने के साथ गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) की खरीद के लिए कंपनी द्वारा स्वीकृत ऋणों में कुछ गंभीर खामियां देखे जाने के बाद यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। जेएम फाइनैंशियल आईपीओ के लिए ऋण देने वाली बड़ी कंपनी है मगर दो साल पहले आरबीआई द्वारा इस तरह के फाइनैंस की सीमा 1 करोड़ रुपये तय करने के बाद से यह बाजार लड़खड़ा गया है।
आरबीआई ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर कंपनी के बहीखातों की सीमित समीक्षा की थी। इसमें पाया गया कि कंपनी ने उधार लिए गए पैसों का उपयोग करके अपने ग्राहकों के एक समूह को विभिन्न आईपीओ और एनसीडी के लिए बोली लगाने में मदद की है।