वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में सकल कारोबार 11 प्रतिशत बढ़कर 236 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वित्त मंत्रालय ने बयान में बताया कि पीएसबी की वैश्विक उधारी 12.9 प्रतिशत बढ़कर 102.29 लाख करोड़ रुपये और जमा पोर्टफोलियो 9.5 प्रतिशत बढ़कर 133.75 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
वित्त मंत्रालय ने बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय वित्त व कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण के दिशानिर्देश में बीते कुछ वर्षों के दौरान प्रमुख बैंकिंग सुधार किए गए। इन सुधारों में पहुंच और सेवा उत्कृष्टता लागू करने में इजाफा (ईएएसई), धनशोधन व दिवालिया संहिता (आईबीसी), मजबूत प्रशासनिक ढांचा स्थापित करना, नैशनल ऐसेट की कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल), पीएसबी का एकीकरण सहित अन्य सुधार शामिल हैं।’
वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में पीएसबी का संचालन व शुद्ध लाभ क्रमश: 1.5 लाख करोड़ रुपये (सालाना आधार पर 14.4 प्रतिशत की वृद्धि) और 85,250 करोड़ रुपये (सालाना आधार पर 25.6 प्रतिशत की वृद्धि) था। सितंबर 24 तक सकल और शुद्ध गैर निष्पादित परिसंपत्तियां क्रमश: 3.12 प्रतिशत और 0.63 प्रतिशत थीं (सकल और शुद्ध गैर निष्पादित संपत्तियों में सालाना आधार पर क्रमश: 108 आधार अंक की गिरावट और 34 आधार अंक की गिरावट थी)।
अभी सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक हैं। इनमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), यूको बैंक सहित अन्य हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा कि पीएसबी ने नए दौर की तकनीकों जैसे एआई / क्लाउड / ब्लॉकचेन आदि को अपनाने में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बैंकों ने वर्तमान डिजिटल आधारभूत ढांचे को बेहतर करने, आवश्यक प्रणालियों को लागू करने / साइबर सुरक्षा के जोखिम से निपटने आदि में अहम भूमिका निभाई है।