हेल्थ पॉलिसी लेने वालों को अब पहले से ही मौजूद बीमारी पर भी कवर मिलेगा। हालांकि उन्हें यह लाभ पॉलिसी की चौथे साल से मिलेगा।
पहले से ही मौजूद बीमारी हमेशा विवाद की जड़ रही है। इसको लेकर पॉलिसी धारक और सामान्य बीमा कंपनियों के बीच तकरार होती रही है। सभी सामान्य बीमा कंपनियों की एकीकृत संस्था सामान्य बीमा परिषद ने इस विवाद का हल ढूंढ़ निकाला है। उसने इस माह पहले ही मौजूद बीमारियों की आदर्श परिभाषा तय कर दी है।
यह परिभाषा 1 जून के बाद जारी की जाने वाली हेल्थ बीमा पॉलिसियों और नवीनीकृत पुरानी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में लागू होगी। सामान्य बीमा कंपनियों का कहना है कि उन्हें इसके लिए बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) की मंजूरी मिल गई है। पॉलिसी लेने से पहले ही किसी व्यक्ति के शरीर में मौजूद बीमारी पर नई परिभाषा यह है:-
अगर आप के शरीर में किसी व्याधि या चोट या इससे संबंधित किसी स्थिति के लक्षण या निशान मौजूद थे, जिनका आपने उपचार या आप चिकित्सकीय परामर्श लिया। अगर यह पहली पॉलिसी लेने के बाद के 48 महीने के भीतर की है तो आपको कवर मिलेगा।
पहले से ही मौजूद बीमारियों के बारे में सामान्य बीमा क्षेत्र की वर्तमान परिभाषा यह है:- पॉलिसी में वर्णित सभी लाभ पॉलिसीधारको तब ही मिलेंगे जब उन्होंने पॉलिसी लेने के बाद हमारे साथ 48 माह व्यतीत किए हों।
ज्ञातव्य है कि इससे पहले सभी सामान्य बीमा कंपनियों की पहले से ही मौजूद बीमारियों के बारे में अपनी अलग-अलग परिभाषाएं थी और इसके निपटारे के ढंग भी अलग थे। इस कारण इसको लेकर पॉलिसीधारकों के मध्य भ्रम की स्थिति रहती थी। पॉलिसी के चौंथे साल से सभी पहले से ही मौजूद बीमारियों पर पॉलिसी धारक को कवर मिलेगा। बीमा कंपनियों की पहले शिकायत थी कि लोग अपने इलाज के लिए ही यह पॉलिसी लेते हैं।
बीमारों को राहत
अगर आप के शरीर में किसी व्याधि या चोट या इससे संबंधित किसी स्थिति के लक्षण या निशान मौजूद हैं, जिनका आपने उपचार या आप चिकित्सकीय परामर्श लिया। अगर यह पहली पॉलिसी लेने के बाद के 48महीने के भीतर की है तो आपको कवर मिलेगा।
पहले से ही मौजूद बीमारी का मसला हमेशा विवाद की जड़ रहा है। इसको लेकर पॉलिसी धारक और सामान्य बीमा कंपनियों के बीच तकरार होती रही है।