सरकारी गैर-जीवन बीमाकर्ताओं ने वित्त वर्ष 24 में 7,558 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया है, जबकि वित्त वर्ष 23 में उन्हें 3,529 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। यह जानकारी राज्य वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने लोक सभा को लिखित जवाब में दी।
मंत्री ने बताया, ‘ सार्वजनिक क्षेत्र की चार सामान्य बीमा कंपनियों, कृषि बीमा कंपनी और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (जीआईसी आरई) का संयुक्त लाभ वित्त वर्ष 23-24 में 7,558 करोड़ रुपये था जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में इन्हें करीब 3,529 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।’
सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और नैशनल इंश्योरेंस कंपनी हैं। देश में जीआईसी आरई पुनर्बीमा करने वाली एकमात्र सार्वजनिक कंपनी है। कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) कृषि बीमा करने वाली एक सरकारी कंपनी है।
वित्त वर्ष 23 में इन कंपनियों के घाटे के मद्देनजर वित्त सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव विवेक जोशी ने संकेत दिया था कि सरकार ने सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि जो कंपनियां सॉल्वेंसी अनुपात में सुधार और लाभ हासिल करने में दिक्क्तों का सामना कर रही हैं, वे वाहन और स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र से बाहर हो जाएं।
ये दोनों नुकसान वाले खंडों के रूप में चिह्नित किए गए हैं और इनसे बाहर जाने से बीमाकर्ताओं का वित्तीय स्वास्थ्य और संचालन दक्षता बेहतर होगी। सरकार ने वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 22 की तीन साल की अवधि में सॉल्वेंसी स्तर को नियंत्रित करने के लिए 17,450 करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया करवाई है।