इस बार की गर्मी बियर प्रेमियों के लिए खुशनसीब साबित हो सकती है। इस बार करीब आधा दर्जन नए बियर ब्रांड भारतीय बाजार में छा जाने की तैयारी में हैं।
इसमें हाथ भांजने और मुनाफा कमाने के लिए कंपनियां कमर कस चुकी हैं।विदेशी कंपनियों के ऐसे कई ब्रांड तो काफी अच्छा कारोबार कर रहे हैं। इनमें से लोवेनब्राउ, स्टेला आर्टोई, बेक्स, बैरंस स्ट्राँग बियर, टाइगर, कोबरा बाइट वगैरह के नाम सबसे ऊपर आते हैं।
बियर का बड़ा बाजार
देश का बियर बाजार प्रति वर्ष अनुमानित रूप से 13.7 करोड़ बोतलों का है और यह प्रति वर्ष 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। शराब पर सीमा शुल्क में अतिरिक्त कटौती की वजह से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए यह देश अवसरों की धरती बन गया है।
ब्रेविंग ब्रिटिश बियर पब एसोसिएशन के उप-निदेशक जेनेट विदेरिज ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज गति से बढ़ने के साथ हम अपनी शराब को भारत निर्यात करने के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं।’ एशिया पैसिफिक ब्रेवरीज ने पिछले महीने बैरंस स्ट्राँग बियर लाँच की है। कंपनी अब टाइगर और हाइनकेन जैसे अपने प्रमुख ब्राँडों को उतारने की योजना बना रही है।
सिंगापुर क्लस्टर के लिए कंपनी के प्रबंध निदेशक जेस वोंग ने कहा, ‘हम अपने रास्ते में आने वाले सभी अवसरों पर नजर रख रहे हैं। किसी भी मौके को छोड़ने की र्कोई गुंजाइश नहीं है।’
बड़े ब्रांड्स का आगाज
दानिश बियर की निर्माता कंपनी कार्ल्सबर्ग ने भी इस वर्ष अपने ब्रांड को राष्ट्रीय रूप प्रदान करने की योजना बनाई है। कार्ल्सबर्ग समूह ने इस वर्ष अपने बियर ब्रांड पालोन को देश में लोकप्रिय बनाने की योजना बनाई है।
कार्ल्सबर्ग समूह की कंपनी साउथ एशिया ब्रेवरीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रदीप गिडवानी कहते हैं, ‘स्थानीय बियर बाजार हमेशा प्रतिस्पर्धी रही है, लेकिन नए एवं विदेशी उत्पादों का न सिर्फ घरेलू बाजार में स्वागत किया जाता है बल्कि भारत में लोग गुणवत्ता वाले उत्पाद के लिए अच्छी रकम चुकाने के लिए भी तैयार हैं।’
बेल्जियम की ब्रेवरीज कंपनी इनबेव ने आरजे कॉर्प के साथ एक संयुक्त उपक्रम के जरिये देश में प्रवेश किया था। शुरू में इस कंपनी ने बॉटलिंग के लिए एक अनुबंध का फैसला किया था।
वैसे, यह कंपनी अब आंध्र प्रदेश में अपनी ग्रीनफील्ड ब्रेवरी के निर्माण की प्रक्रिया में लगी हुई है और उत्तर भारत में भी कुछ इसी तरह का कार्य करने पर विचार कर रही है। कंपनी अपने तीन ब्रांडों लोवेनब्राउ, स्टेला आर्टोई, बेक्स को यहां जगह दिलाने की तैयारी में है। इसके अलावा कोबरा बियर जैसी कई बियर कंपनियां दो वर्षों के अंदर अपने सभी अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड भारतीय बाजार में पेश करने की योजना बना रही हैं।