भारत में डीएसपी मेरिल लिंच की स्थापना करने वाले हेमेन्द्र कोठारी ने कंपनी में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बैंक ऑफ अमेरिका को बेच दी है।
इसके साथ ही कोठारी का डीएसपी मेरिल लिंच के साथ पिछले 25 साल पुराने रिश्ते का अंत हो गया। हालांकि कोठारी ने बैंक ऑफ अमेरिका को कितने रकम में यह हिस्सेदारी बेची है इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
कोठारी इस महीने की 31 तारीख को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे। दूसरी तरफ बैंक ऑफ अमेरिका ने केवन वाट्स को भारत में इस इकाई के सम्मिलित परिचालन के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया है। विश्ववीर आहूजा जो इस अमेरिकी बैंक के भारत में कारोबार की बागडोर संभाले हुए हैं, वे इस सम्मिलित इकाई के कॉर्पोरेट बैंकिंग कारोबार का उत्तरदायित्व संभालेंगे।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2005 में बैंक ऑफ अमेरिका ने इस संयुक्त उपक्रम में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाकर 90 फीसदी तक करने के लिए मेरिल लिंच को 500 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था। मेरिल लिंच में अपनी हिस्सेदारी को समाप्त करने के बारे में कोठारी ने बताया कि वे पिछले 40 साल से प्रतिभूति कारोबार में रहे हैं और अब वे अन्य चीजों अपना ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
हालांकि कोठारी परिवार डीएसपी ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखेगा जबकि कोठारी इसके गैर-कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। कोठारी परिवार की डीएसपी ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट मैंनेजर्स में 60 फीसदी हिस्सेदारी बरकरार रखेगी जबकि बाकी बचे 40 फीसदी हिस्से पर ब्लैकरॉक का नियंत्रण होगा।
गौरतलब है कि कोठारी ने वर्ष 1969 में डीएस प्रभुदास में प्रवेश किया था और 1975 में डीएसपी फाइनैंशियल कंसल्टेंट्स कंपनी की आधारशिला रखी थी। वर्ष 1984 में डीएसपी ने मेरिल लिंच से साझेदारी की थी और 1955 में मेरिल लिंच के साथ मिलकर एक संयुक्त उद्यम की स्थापना की थी और इसके बाद इस संयुक्त उद्यम का नाम बदलकर डीएसपी मेरिल लिंच रखा गया था।
पिछले साल सितंबर में बैंक ऑफ अमेरिका ने मेरिल लिंच को बचाने के लिए 44 अरब डॉलर में खरीद लिया था। हालांकि मेरिल लिंच को खरीदने के बाद बैंक ऑफ अमेरिका नुकसान उठाना पडा था और पिछले 17 सालों के दौरान इसे पहली बार तिमाही में घाटा झेलना पडा।
इसके बाद सरकार ने पहल करते हुए बैंक ऑफ अमेरिका को राहत पैकेज भी दिया। कोठारी ने कहा कि डीएसपी मेरिल लिंच में हिस्सेदारी समाप्त करने का फैसला उन्होंने बहुत पहले ले लिया था लेकिन वे मेरिल लिंच और बैंक ऑफ अमेरिका के बीच विलय की प्रक्रिया को पूरा होने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला करना चाहते थे।
