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मंदी पर भी पड़ा यह भारी

Last Updated- December 10, 2022 | 6:38 PM IST

कारोबारी जगत में मंदी के आलम और नगदी के अभाव की वजह के साथ-साथ ऊंचे ब्याज दरों ने बैंकों की आर्थिक सेहत को लेकर कई लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
इस हालत में परिसंपत्तियों के मामले में अच्छे रिकॉर्ड और कर्ज देने में काफी सावधानी बरतने वाले बैंक सभी के पसंदीदा हैं। ऐसा ही एक बैंक है, कॉर्पोरेशन बैंक, जिसका गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के मामले में जबरदस्त ट्रैक रिकॉर्ड है।
इसकी एक हजार से ज्यादा सभी शाखाएं कंप्यूटरीकृत नेटवर्क से पूरी तरह से जुड़ी हुई हैं। तकनीक पर दिए गए इसी जोर का नतीजा है कि बैंक की कार्यकुशलता में इतना जबरदस्त इजाफा आ गया है। इसके साथ-साथ बैंक का लोन बुक भी काफी मजबूत है।
सुरक्षा पर जोर
बैंक ने अलग-अलग क्षेत्रों को कर्ज दिया है। इसके कुल कर्ज में से एक तिहाई हिस्सा कॉर्पोरेट सेक्टर को मिला है। इसमें ज्यादातर कर्ज शहरी इलाकों में दिए गए हैं, जिससे उसके कर्ज काफी सुरक्षित हो गए हैं। मंदी के इस दौर में भी बैंक की परिसंपत्तियों में ज्यादा गिरावट नहीं देखने को मिली है।
वजह है, कर्ज देने के मामले में बैंक का सावधानी पूर्ण रवैया। जहां तक रिस्क मैनेजमेंट की बात है, तो बैंक ने कॉर्पोरेट सेक्टर में भी छोटे कर्ज पर ज्यादा जोर दिया। साथ ही, नई के बजाए पुरानी और बड़ी कंपनियों को उसने भरपूर कर्ज दिया, ताकि उनके परिचालन में कोई दिक्कत न आए।
बैंक अब बुनियादी ढांचे की तरफ ज्यादा जोर दे रहा है। इसके सावधानी पूर्ण रवैये की नजीर आप इसके रिटेल सेगमेंट को कर्ज कम देने की कोशिश में देख सकते हैं। बैंक ने पिछली तिमाही में इस सेक्टर को 10 फीसदी कम कर्ज दिया।
आज के मुश्किल हालात में कई बैंकों ने कर्जों की पुनर्संरचना पर जोर देना शुरू कर दिया है। ऐसे में कॉर्पोरेशन बैंक भी अलग नहीं है। छोटे और मझोले उद्यम बैंक से कर्ज की काफी मांग कर रहे हैं। ऐसे में अपना सावधानी पूर्ण रवैया बरकरार रखते हुए बैंक ने इस सेक्टर के लिए कर्ज की मात्रा को जरा सा ही बढ़ाया है। तीसरी तिमाही में बैंक ने इस सेक्टर को 73.2 फीसदी कर्ज दिया। दूसरी तरफ, बैंक ने दूसरी तिमाही में 70.7 फीसदी कर्ज दिया था।
बढ़ती पहुंच
कॉर्पोरेशन बैंक की 60 फीसदी शाखाएं मेट्रो शहरों और दूसरे शहरी इलाकों में हैं। इससे बैंक को वसूली और नजर रखने में मदद तो मिलती है, लेकिन इसका खामियाजा भी भोगना पड़ता है। इसकी वजह से बैंक ग्रामीण इलाकों के सस्ती जमा पूंजी से महरुम रह जाती है।
बैंक अब अपने ब्रांच की तादाद में इजाफा करने की कोशिश में लगा हुआ है। पिछली तिमाही में उसने आठ फीसदी नए ब्रांच खोले। अब बैंक गांवों और कस्बों तक पहुंचने की पूरी कोशिश कर रहा है। बैंक ने अगले पांच सालों में 700 नए ब्रांचों को खोलने की योजना बनाई है।

First Published - March 2, 2009 | 8:01 PM IST

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