बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) सामाजिक स्वास्थ्य बीमा योजना को नियामक की निगरानी में लाने के लिए राज्य सरकार से बातचीत कर रही है।
आंध्र प्रदेश, हरियाणा और तमिलनाडु की राज्य सरकारों ने इस योजना पर अमल करके इसे लागू किया है। इरडा के सदस्य आर कानन का कहना है कि राज्य की योजनाओं से देश भर में स्वास्थ्य बीमा कराने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है जो फिलहाल लगभग 15 फीसदी है।
लेकिन अब तक इनका सही तरीके से प्रबंधन नहीं किया गया है और न ही नियमित किया गया है। इन योजनाओं के दावे के निपटान के लिए कोई एजेंसी नहीं है और न ही इसके लिए कोई रिकॉर्ड बनाया गया है। इसे देश भर के दूसरी राज्य सरकारें भी दुहरा सकती हैं लेकिन इन योजनाओं की सफलता की कोई मिसाल अब तक मिली नहीं है।
जिन राज्य सरकारों ने स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) गुजर-बसर करने वाले लोगों पर लागू किया है, उनसे इरडा बातचीत कर रही है ताकि उन्हें नियामक की निगरानी के तहत लाया जा सके। हरियाणा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) जैसी बीमा योजना को 5 जिले में लॉन्च कर दिया गया है।
इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों को 5 साल के लिए स्मार्ट कार्ड पर आधारित नकदी स्वास्थ्य बीमा जो 30,000 रुपये तक कवर कर सकती है उसको मुहैया कराया जाएगा। इस योजना के लिए बीमाकर्ताओं को 15 करोड़ रुपये तक का प्रीमियम मिल रहा है। इसी तरह आंध्र प्रदेश की सरकार ने भी बीपीएल स्तर से नीचे गुजर-बसर करने वालों के लिए बीमा व्यवस्था शुरू की है।