भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के चेयरमैन देवाशीष पांडा भारत के बीमा उद्योग के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से मुंबई में गुरुवार को मुलाकात करेंगे। इस दौरान बीमा सुगम और ‘सभी जगह कैशलेस’ की सुविधा लागू करने की समीक्षा होगी। उद्योग के जानकारों के अनुसार पांडा के साथ आईआरडीएआई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी सीईओ से दो अलग सत्रों में मुलाकात करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि नियामक बीमा सुगम को अंतिम चरण में लागू करने पर चर्चा करेगा। बीमा सुगम एक इलेक्ट्रॉनिक मार्केट प्लेस है जिसे कंपनी अधिनियम 2013 के तहत बनाया गया है। यह दरअसल आईआरडीएआई के बीमा ट्रिनिटी का हिस्सा है। नियामक की बीमा ट्रिनिटी के तहत बीमा विस्तार, बीमा वाहक और बीमा सुगम आते हैं।
बीमा सुगम के विनियमन के तहत कंपनी की शेयर होल्डिंग जीवन, स्वास्थ्य और जीवन बीमा कंपनियों में होगी। किसी भी एक कंपनी के पास नियंत्रक हिस्सेदारी नहीं रहेगी। सूत्रों के मुताबिक नियामक कंपनी के सीईओ की नियुक्ति के लिए चर्चा भी कर सकता है। मानदंडों के अनुसार कंपनी के बोर्ड के दो सदस्य नियामक की तरफ से नामित होंगे। नियामक के परामर्श से ही कंपनी के चेयरमैन और सीईओ की नियुक्ति की जाएगी।
नियामक ने बीमा सुगम परियोजना को शुरू करने के लिए जुलाई 2024 की समयसीमा तय की है। इसके लिए शुरुआती पूंजी का अनुमान 200 करोड़ रुपये है और बीमा सुगम के सृजन के लिए एक संचालन समिति का गठन किया गया है।