बीमा कारोबार में और अधिक पारदिर्शता लाने और पॉलिसीधारकों को बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए आईआरडीए ने बीमा कंपनियों को सॉल्वेन्सी मार्जिन, दावों के निपटान का रिकॉर्ड और तिमाही आधार पर घाटे के अनुपात का खुलासा करने का निर्देश जारी किया है।
ग्राहकों की समस्या के निपटान के पिछले रिकॉर्ड सहित खुलासा किए जाने के नियमों में बदवाल के इस साल जून से प्रभावी किए जाने का प्रस्ताव है।
आईआरडीए के एक अधिकारी ने कहा कि दावों के निपटान के खुलासा होने से इनकी वास्तविक साथ ही विचाराधीन दावों की संख्या के बारे में भी पता चल पाएगा।