डेट इंस्ट्रमेंट में निवेश करते वक्त सावधानी बरते जाने की जरूरत है। ज्यादातर लोग इसमें निवेश करते वक्त रिटर्न की दर की तरफ ध्यान देते हैं जबकि कर दर ज्यादा महत्वपूर्ण पहलू है।
निवेशकों को अलग-अलग कर निर्धारण के साथ विभिन्न इंस्ट्रूमेंट्स पर ध्यान देने की जरूरत है। उदाहरण के लिए, टाटा कैपिटल गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर इश्यू, जो हाल ही में बंद हुआ, ने लगभग 12 फीसदी के सालाना रिटर्न की पेशकश की, लेकिन यह कर के दायरे में था।
अगर कर-मुक्त निवेश की इसके साथ तुलना की जाए तो दोनों को एक ही स्तर पर लाना होगा। अन्य पहलू है आय स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का प्रावधान।
वरिष्ठ नागरिकों, जिन्हें किसी तरह का कर चुकाने की जरूरत नहीं है, टीडीएस व्यवस्था को लेकर मुश्किल का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें काटे गए कर की वापसी के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
सामान्य निवेशकों के लिए भी टीडीएस को लेकर टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त कुछ प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन निवेशक को यह याद रखना बेहद जरूरी है कि अगर वह किसी टीडीएस के दायरे में नहीं आता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि इन निवेश पर कोई कर नहीं होगा।
आइए देखते हैं कुछ ऐसे इंस्ट्रूमेंट के बारे में जिनमें टीडीएस लागू नहीं है:
आवर्ती जमा
इस जमा में निवेशक को रकम कुछ खास महीनों या साल के लिए रखनी होती है। ऐसी जमा राशि पर रिटर्न दर पहले ही तय कर दिया जाता है। आवर्ती जमा के अंत में बैंक पूरा राशि ब्याज सहित निवेशक को वापस कर देता है। इस विकल्प को अपनाने वाले निवेशक टीडीएस के मोर्चे पर लाभान्वित होंगे।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी)
डेट क्षेत्र में यह बेहद लोकप्रिय निवेश विकल्प है। धारा 80 सी के तहत एनएससी में निवेश को कर लाभ हासिल है। एनएससी 6 साल की अवधि वाला इंस्ट्रमेंट है, जिसमें निवेशक एकमुश्त रिटर्न प्राप्त करने में सक्षम होता है।
चक्रवृद्धि ब्याज अर्द्धवार्षिक है। जब निवेश बड़ा हो तो संचय भी काफी अधिक होगा, क्योंकि इसमें चक्रवृद्धि दर पर इजाफा होता है। इस निवेश से प्राप्त आय कर योग्य है और निवेशक को प्रत्येक वर्ष की प्राप्त आय को ‘अन्य स्रोतों से प्राप्त आय’ के तौर पर दिखाना होगा।
डाक घर जमा योजना
निवेशक के लिए इसी तरह का लाभ डाक घर की जमा योजनाओं से हासिल होता है। इनमें पोस्ट ऑफिस टाइम डिपोजिट के अलावा पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपोजिट शामिल हैं।
जहां सामान्य बैंक में टाइम डिपोजिट पर टीडीएस लागू है वहीं डाक घर में ऐसे जमा पर इस तरह का कोई प्रावधान लागू नहीं है। डाक घर की मासिक आय योजना भी टीडीएस के दायरे से बाहर है।
जीरो कूपन बॉन्ड्स
कई जीरो कूपन बॉन्ड भी टीडीएस के दायरे से बाहर हैं। ये बॉन्ड अंकित मूल्य पर भुनाए जाते हैं। सामान्यतया इन बॉन्ड की समयावधि 10, 15 या 20 साल होती है।
भविष्य निर्माण बॉन्ड्स ऐसे बॉन्ड का एक उदाहरण है जिसे नाबार्ड द्वारा जारी किया गया है। किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी या कैपिटल फंड या सार्वजनिक क्षेत्र की किसी कंपनी द्वारा 1 जून, 2005 के बाद जारी किए गए बॉन्डों के लिए टीडीएस लागू नहीं है।
लेखक जाने-माने वित्तीय योजनाकार हैं।