रुढ़िवादी निवेशक पारंपरिक तौर पर सरकारी बॉन्डों की ओर आकर्षित होते रहे हैं। लेकिन पिछले साल जब बैंकों ने सावधि जमाओं पर 10 से 11 के लाभों की पेशकश की तो बॉन्डों का आकर्षण कम हो गया।
हालांकि, सावधि जमाओं की दरें कम हो रही है और लगता है कि चलन फिर से उलटने वाला है। उदाहरण के लिए, इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनी (आईआईएफसीएल) 2,600 करोड़ रुपये के निर्गम के साथ खुदरा निवेशकों को लक्ष्य कर रही थी। आइए, उन बॉन्डों पर एक निगाह डालते हैं खुदरा निवेशक जिनमें निवेश करने की सोच सकते हैं।
भविष्य निर्माण बॉन्ड
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) बॉन्डों पर 11.57 प्रतिशत के सामान्य लाभ का विज्ञापन दे रहा था। वास्तविक चक्रवृध्दि प्रतिफल केवल 8.62 प्रतिशत का है। अगर आप 8,750 रुपये (प्रत्येक बॉन्ड की कीमत) का निवेश भविष्य निर्माण बॉन्ड में करते हैं तो 10 साल बाद परिपक्वता पर आपको 20,000 रुपये प्राप्त होंगे।
ये बॉन्ड बैंकों की सावधि जमाओं की तुलना में बेहतर प्रतिफल की पेशकश करते हैं। इनका ब्याज साल में एक बार जुड़ता है। भविष्य निर्माण बॉन्ड के तहत आयकर की धारा 80 के तहत कर में कटौती का लाभ भी उठाया जा सकता है।
एक निवेश सलाहकार ने कहा, ‘इन बॉन्डों में निवेश करने से पहले किसी व्यक्ति को 10 सालों की लॉ इन अवधि के लिए तैयार रहना चाहिए। दीर्घावधि में कोष बनाने, जैसे कि बच्चे की पढ़ाई के लिए, के लिए इन बॉन्डों को निवेश पोर्टफोलियो में शामिल किया जा सकता है।’
तीन से पांच लाख रुपये के आय वर्ग में आने वाले निवेशक जो आईआईएफसीएल के निर्गम में निवेश नहीं कर सके हैं को ये बॉन्ड कर के बाद 6.62 प्रतिशत जितना अधिकतम फतिफल देते हैं। निचले आय वर्ग में आने वाले व्यक्तियों के लिए भी यह निवेश का उम्दा विकल्प है क्योंकि इनसे उन्हें कर बाद 7.62 प्रतिशत का प्रतिफल प्राप्त होता है।
ग्रामीण बॉन्ड
नाबार्ड की एक अन्य पेशकश ग्रामीण बॉन्डों की ब्याज दरें बैंकों की सावधि जमाओं के आस पास हैं। पांच सालों की लॉक इन अवधि वाले इन बॉन्डों पर मिलने वाला लाभ 8.5 प्रतिशत का है।
छोटे निवेशकों को लक्ष्य कर इन बॉन्डों का फेस वैल्यू 1,000 रुपये का है और इनमें न्यूनतम 5,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिकों को नाबार्ड इन बॉन्डों पर 0.5 प्रतिशत अधिक ब्याज दरों की पेशकश करता है। इसलिए अगर आप पांच लाख रुपये से कम के आय वर्ग में आते हैं और तरलता चाहते हैं तो ये बॉन्ड आपके लिए है।
ग्रामीण बॉन्ड तीन लाख रुपये से कम आय वर्ग के निवेशकों के लिए 7.5 प्रतिशत का प्रतिफल अर्जित कर सकता है और तीन से पांच लाख रुपये के आय वर्ग में आने वाले निवेशकों को 6.5 फीसदी का लाभ दिला सकता है।
गवर्नमेंट सेविंग स्कीम
जोखिम के नजरिये से देखा जाए तो यह निवेश का सबसे यादा सुरक्षित विकल्प है। ये बॉन्ड केन्द्र या राय सरकार के होते हैं और इन पर 8 प्रतिशत के प्रतिफल का पेशकश किया जाता है। इनकी लॉक इन अवधि छह वर्षों की होती है। इन बॉन्डों में न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है। ब्याज का भुगतान छमाही आधार पर किया जाता है।
कैपिटल गेन्स बॉन्ड
किसी परिसंपत्ति को बेच कर प्राप्त होने वाले पूंजीगत अभिलाभ पर लगने वाले कर को बचाने में ऐसे बॉन्ड मदद पहुंचाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति अपना घर बेचता है तो बिक्री से होने वाले लाभ पर कर लगाया जाता है। इसलिए, ऐसे विक्रेता इन बॉन्डों में निवेश कर कर का दायित्व घटा सकते हैं।
इन बॉन्डों में निवेश की अवधि तीन वर्षों की होती है और इन पर 6.25 प्रतिशत का प्रतिफल दिया जाता है। कैपिटल गेन्स बॉन्ड में न्यूनतम 50,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है।
निवेशकों को 10,000 रुपये मूल्य वाले पांच बॉन्ड खरीदने होते हैँ। इनमें अधिकतम 50 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण फिलहाल कैपिटल गेन्स बॉन्डों की पेशकश कर रहे हैं। 31 मार्च को ये निर्गम बंद हो जाएंगे।