सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) में निवेश करने के फायदे सर्वविदित हैं।
पूंजी निवेश करने के लिए सिप वह तरीका है जहां बाजार की दशा से बगैर प्रभावित होते हुए आपको पहले से ही निश्चित राशि हर महीने जमा करनी होती है।
उदाहरण के तौर पर अगर आप इक्विटी म्युचुअल फंड योजना में एक साल में 60,000 रुपये निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास निवेश करने के दो रास्ते हो सकते हैं। पहला रास्ता तो यह है कि आप पूरी राशि एक ही बार में जमा कर दें।
दूसरा रास्ता है सिप के जरिये 12 महीनों तक 5,000 रुपये निवेश किए जाए तो भी आप यह निवेश कर सकते हैं। सिप में यह निवेश हर महीने के एक निश्चित दिन पर कर सकते हैं। जैसे कि महीने के पांचवे दिन पर या महीने के दसवें दिन पर।
इसमें निवेशक के लिए सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस निवेश में रुपये की औसत कीमत देखी जाती है। मतलब जब बाजार नीचे जाता है तो शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य कम होने के कारण इस योजना की ज्यादा इकाइयां खरीदी जा सकती हैं। हालांकि ज्यादातर कंपनियां उस सिप में निवेश करना पसंद करती हैं जिसमें महीने की अलग अलग तारीखों पर भी निवेश किया जा सके।
पिछले साल आईएनजी म्युचुअल फंड ने जूम इन्वेस्टमेंट प्लान (जिप) बाजार में पेश किया था। इस म्युचुअल फंड की सबसे अच्छी बात यह है कि यह रोजाना का सिप है। एक निवेशक आईएनजी लिक्विड फंड में इकट्ठा निवेश कर सकता है। इस फंड से आईएनजी म्युचुअल के किसी भी फंड में रोजाना कुछ राशि का निवेश कर दिया जाता है।
इस निवेश की मुख्य विशेषताएं-
1.निवेश करने में आसान- इस योजना में कम से कम 5,000 रुपये का निवेश होता है। निवेशक चाहे तो रोजाना 99 रुपये देकर भी इस योजना का फायदा उठा सकता है।
2. अस्थिरता- यह निवेश बाजार की दैनिक गतिविधियों पर निगाह रखता है।
3. सुविधाजनक- यह निवेश सिस्टेमैटिक प्लान (एसटीपी) के आधार पर किया जाता है तो इसके लिए सिर्फ एक ही फॉर्म भरना होता है, जो कि निवेशकों के लिए काफी सुविधाजनक होता है।
आईएनजी समूह द्वारा कराए गए इस योजना क विश्लेषण के मुताबिक दैनिक जिप का प्रदर्शन कुछ ऐसा रहा है-
इसके तहत जिप के प्रदर्शन को बाजार के स्थायी होने के समय, चढ़ते बाजार के समय और बाजार में गिरावट के दौरान विश्लेषण के लिए लिया गया। इसके लिए एसटीपी के जरिये आईएनजी के डोमैस्टिक ऑपोर्चुनिटीज फंड में निवेश किया गया।
इसके अलावा आईएनजी के डोमैस्टिक ऑपरच्युनिटीज फंड के साथ भी इस निवेश की तुलना की गई।
स्थायी बाजार और बाजार में गिरावट के समय जिप से होने वाले लाभ साफ दिखाई दिए और इन हालातों में जिप ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि बाजार में उछाल के समय सिप के जरिये किये गये निवेश से कुछ खास फायदा नहीं हुआ। दरअसल इसमें नया निवेश ज्यादा परिसंपत्ति मूल्य के आधार पर किया जाता है।
पिछली तिमाही में भारतीय इक्विटी बाजार ने काफी बुरे दौर से गुजरा है। संवेदी सूचकांक 1जनवरी 2008 को 20,300 अंक पर था, लेकिन 24 अप्रैल 2008 को यह सूचकांक लगभग 3600 अंक गिरकर 16,721 अंक पर पहुंच गया। जनवरी से लेकर अप्रैल तक संवेदी सूचकांक बहुत ज्यादा अस्थिर रहा था। निवेशकों के फायदे के लिए जिप जैसा दैनिक निवेश संवेदी सूचकांक में हो रहे रोजाना बदलाव पर निगाह रख सकता है।