facebookmetapixel
क्या सोना अब और टूटेगा? जानिए क्यों घट रही हैं कीमतें47% चढ़ सकता है सर्विस सेक्टर कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने BUY रेटिंग के साथ शुरू की कवरेजGroww Q2 Results: दमदार तिमाही से शेयर 7% उछला, मुनाफा 25% बढ़ा; मार्केट कैप ₹1 लाख करोड़ के पारNifty-500 में रिकॉर्ड मुनाफा, लेकिन निफ्टी-100 क्यों पीछे?Sudeep Pharma IPO: ग्रे मार्केट में धमाल मचा रहा फार्मा कंपनी का आईपीओ, क्या निवेश करना सही रहेगा?Smart Beta Funds: क्या स्मार्ट-बीटा में पैसा लगाना अभी सही है? एक्सपर्ट्स ने दिया सीधा जवाबपीएम-किसान की 21वीं किस्त जारी! लेकिन कई किसानों के खाते खाली – आखिर वजह क्या है?Gold and Silver Price Today: सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट, MCX पर दोनों के भाव फिसलेक्रिप्टो पर RBI की बड़ी चेतावनी! लेकिन UPI को मिल रही है हाई-स्पीड ग्रीन सिग्नलभारत और पाकिस्तान को 350% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी: ट्रंप

बीमा कंपनियों में धोखाधड़ी के बढ़ रहे हैं मामले

लगभग 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि धोखाधड़ी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि 10 प्रतिशत ने इसमें मामूली वृद्धि का अनुभव किया है

Last Updated- February 16, 2023 | 9:16 PM IST
Insurance

देश की निजी क्षेत्र की लगभग 60 प्रतिशत बीमा कंपनियों का मानना है कि बीमा संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इस जोखिम के बने रहने की वजह से तत्काल एक सक्रिय धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन ढांचे पर विचार करने की जरूरत है। डेलॉयट के बृहस्पतिवार को जारी एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है।

डेलॉयट के बीमा धोखाधड़ी सर्वेक्षण-2023 के अनुसार, भारत में बीमा कंपनियों ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा में धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि का अनुभव किया है। डिजिटलीकरण बढ़ने, महामारी के बाद घर से काम करने और कमजोर नियंत्रण ने धोखाधड़ी को बढ़ाने में प्रमुख योगदान दिया है। सर्वेक्षण में कहा गया, ‘लगभग 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि धोखाधड़ी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि 10 प्रतिशत ने इसमें मामूली वृद्धि का अनुभव किया है।’

वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में किए गए सर्वेक्षण में देश में प्रमुख निजी बीमा कंपनियों के अनुपालन के लिए जिम्मेदार प्रमुख अधिकारियों के विचार लिए गए। बीमा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की अगुवाई वाले नवोन्मेषण ने चुस्ती, रफ्तार, बेहतर ग्राहक अनुभव और उपयोग में आसानी पैदा की है। हालांकि, इसने समग्र पारिस्थितिकी तंत्र में कमजोरियों और जोखिमों को जन्म दिया है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि डेटा चोरी और पारंपरिक धोखाधड़ी, जैसे कि तीसरे पक्ष के बीच मिलीभगत और बीमा उत्पादों की गलत बिक्री, जैसे नए धोखाधड़ी के रुझान अब भी जारी हैं और क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।

डेलॉयट इंडिया के भागीदार और वित्तीय सेवा प्रमुख, संजय दत्ता ने कहा कि धोखाधड़ी को कम करने के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत है। निर्णय लेने वालों को बीमा कंपनी के परिचालन मॉडल को देखना चाहिए और इसकी आवधिक आधार पर निगरानी का तरीका लाना चाहिए।

First Published - February 16, 2023 | 9:16 PM IST

संबंधित पोस्ट