वित्त-बीमा

Insurance industry: 2025 में तकनीक व गांवों पर होगा बीमा कंपनियों का जोर

ग्राहक-केंद्रित तकनीक, एफडीआई वृद्धि, बीमा सुगम योजना और ग्रामीण इलाकों में विस्तार से भारतीय बीमा उद्योग 2025 में नई ऊंचाइयों पर जाने को तैयार।

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आतिरा वारियर   
Last Updated- January 02, 2025 | 10:12 PM IST

भारतीय बीमा उद्योग विकास को गति देने के लिए 2025 में ग्राहक-केंद्रित तकनीक अपनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि नीतिगत स्तर पर बदलाव के माध्यम से पहल की योजना बन रही है, जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में संभावित वृद्धि, बीमा नियमों में संशोधन व वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) दरों में संशोधन शामिल हैं।

बहुप्रतीक्षित बीमा सुगम योजना भी इस साल आने की संभावना है। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तपन सिंघल ने कहा, ‘बीमाकर्ता अत्याधुनिक तकनीकों जैसे जेनरेटिव एआई (जेन एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) को अपना कर डिजिटल बदलाव को प्राथमिकता देंगे, जिससे अंडरराइटिंग, दावा निपटान और ग्राहक सहभागिता बढ़ाने के लिए सक्रिय समर्थन प्रणालियां पुराने मॉडलों की जगह लेंगी, जिससे ग्राहकों के साथ निर्बाध संपर्क सुनिश्चित होगा।’

तकनीक के अलावा इस सेक्टर की भविष्य की वृद्धि बीमाकर्ताओं की ग्रामीण इलाकों में पैठ बनाने की क्षमता पर निर्भर होगा। इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ ऋषभ गांधी ने कहा, ‘इन भौगोलिक इलाकों में पहुंचने के लिए बीमा कंपनियों को साधारण, समझने योग्य, जरूरत के मुताबिक पॉलिसियां बनाने और भौतिक पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत होगी। नियामकीय हिसाब से देखें तो बैंकों के अलावा व्यक्तिगत एजेंटों को भी पॉलिसियां बेचने की अनुमति देने की जरूरत होगी।’

उद्योग को वितरण नेटवर्क मजबूत करने और मानव संसाधन बढ़ाने पर भी ध्यान देना होगा। एचडीएफसी लाइफ के कार्यकारी निदेशक और सीएफओ नीरज शाह ने कहा, ‘हम अपनी पहुंच भारत (छोटे व मझोले शहरों व कस्बों) में बढ़ा रहे हैं, ऐसे में हमें शाखाओं, लोगों और तकनीक के माध्यम से वितरण की व्यवस्था मजबूत करने पर निवेश जारी रखना होगा।’

नीतियों के स्तर पर देखें तो बीमाकर्ता एफडीआई बढ़ाकर 100 प्रतिशत किए जाने, कंपोजिट लाइसेंस पेश किए जाने, जीवन व स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी से छूट के साथ बीमा सुगम योजना और लेखा संबंधी अन्य सुधारों का इंतजार कर रहे हैं।

बीमा नियामक ने अप्रैल 2025 तक बीमा सुगम पेश करने की योजना बनाई है। साथ ही वित्त वर्ष 2025 के अंत तक भारतीय बीमाकर्ताओं के लिए इंटरनैशनल फाइनैंसिंग रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) अकाउंटिंग मानक पेश किए जाने की भी योजना है। बहरहाल आईआरडीएआई के मौजूदा चेयरमैन देवाशीष पांडा का कार्यकाल मार्च 2025 के अंत में खत्म हो रहा है।

First Published : January 2, 2025 | 10:12 PM IST