बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) बैंकिंग क्षेत्र की तरह ही बीमा कंपनियों को ऐसेट ऐंड लाइबिलिटी समिति (एएलसीओ) की स्थापना करने के लिए कह रहा है।
आईआरडीए ने कहा है कि बीमा कंपनियों की परिसंपत्तियों को मापने और इसको सटीक तरीके से प्रबंधित किए जाने की आवश्यकता है। साथ ही आईआरडीए ने कहा है कि कंपनियों के निवेश पोर्टफोलियो पर भी निगरानी रखी जाएगी।
बीमा नियामक ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब इस तरह की खबरें आ रही हैं कि देश कीदो सबसे बडी बीमा कंपनियों का सत्यम के साथ क्रमश: 1,100 करोड अौर 1,200 करोड रुपये का कारोबार है। यह सारी रकम पॉलिसीधारकों की है और इन रकम को लेकर खासी चिंता जताई जा रही है।
आईआरडीए के एक सदस्य के कानन ने कहा कि लंबी अवधि के और सुरक्षित निवेश के अवसरों के अभाव में ऐसेट लाइबिलिटी प्रबंधन कंपनियों के लिए चिंता का सबब हो सकता है। बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत करते हुए कानन ने कहा कि नियामक सभी आवश्यक कदम उठाएगा लेकिन बीमा कंपनियों के संपत्ति प्रबंधन को लेकर आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
नियामक सभी कंपनियों के निवेश प्रारूप समेत उनकी कार्यप्रणाली पर नजर रखेगी जिसमें निवेश प्रारूप भी शामिल होगा। नियामक इस बात को भी सुनिश्चित करेगा कि इन कंपनियों की परिसंपत्ति और कर्जों में असंतुलन की स्थिति न बने।