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समुद्री क्षेत्र के लिए भारत की पहली NBFC, नौवहन उद्यमों को ऋण मिलना होगा आसान

सागरमाला फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड महत्त्वपूर्ण वित्तीय अंतर को पाटेगी और क्षेत्र की आर्थिक जरूरतों को पूरा करेगी।

Last Updated- June 26, 2025 | 11:20 PM IST
Sea NBFC
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने नौवहन से जुड़े उद्यमों को आसानी से ऋण दिलाने के लिए सागरमाला फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड की शुरुआत की है

नौवहन से जुड़े उद्यमों को आसानी से ऋण दिलाने के लिए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने आज इस क्षेत्र के लिए देश की पहली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) पेश की। मंत्रालय ने सागरमाला फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड की शुरुआत की है। मंत्रालय ने बताया कि पहले सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के नाम से चल रही सागरमाला फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड अब अमृत काल विजन 2047 के अनुरूप भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे के विकास में परिवर्तनकारी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। कंपनी को 19 जून को भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एनबीएफसी के तौर पर पंजीकृत किया गया था।

पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया, ‘सागरमाला फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड महत्त्वपूर्ण वित्तीय अंतर को पाटेगी और क्षेत्र की आर्थिक जरूरतों को पूरा करेगी। इससे बंदरगाहों, एमएसएमई, स्टार्टअप और संस्थानों को सशक्त बनाया जा सकेगा। इसने देश के समुद्री उद्योग की लंबे समय से चली आ रही एक मांग को पूरा किया है।’

मौजूदा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सागरमाला डेवलपमेंट को एनबीएफसी में तब्दील कर यह कंपनी बनाई गई है। समुद्री विकास कोष और सागरमाला फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच सरकार समुद्री क्षेत्र को ऋण देने के लिए करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने में सक्षम होगी।

कंपनी बंदरगाह प्राधिकरण, नौवहन कंपनियों, एमएसएमई, स्टार्टअप, समुद्री शिक्षण संस्थानों जैसे विभिन्न हितधारकों को लघु, मध्यम और दीर्घावधि के लिए ऋण सहित अन्य वित्तीय उत्पादों की पेशकश करेगी।

मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा सागरमाला फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड जहाज बनाने, नवीकरणीय ऊर्जा, क्रूज पर्यटन और समुद्री शिक्षा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों का समर्थन करेगी, जिससे भारत को समुद्री क्षेत्र में वैश्विक दिग्गज के तौर पर उभरने में और मदद मिलेगी।

इसके अलावा, मंत्रालय ने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए भूमि की सुविधा, मांग को प्रोत्साहित करने और साझा बुनियादी ढांचे में निवेश करने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने तथा सक्रिय निवेश भूमिकाओं को अपनाने जैसे रणनीतिक कार्रवाई क्षेत्रों की पहचान करने के लिए देश भर के प्रमुख बंदरगाहों का एक पोर्ट रेडीनेस इंडेक्स भी जारी किया।

मंत्रालय ने बताया, ‘वीओ चिदंबरनार बंदरगाह, पारादीप बंदरगाह, दीनदयाल बंदरगाह, और मुंबई और कोच्चि का जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह जैसे भारतीय बंदरगाह खासकर पूर्वी एशिया और यूरोपीय संघ की स्वच्छ ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए बेहतरीन स्थिति में हैं।’

इसके अलावा, प्रमुख बंदरगाहों पर शुल्क व्यवस्था के बीच विसंगतियों को दूर करने के लिए अपनी योजना बताने के बाद मंत्रालय ने पारदर्शिता और कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए सभी प्रमुख बंदरगाहों के लिए दरों के मानकीकृत स्केल टेम्पलेट (एसओआर) भी जारी किया।

First Published - June 26, 2025 | 11:14 PM IST

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