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पास में हो नकद तो फिर बुरे समय में काहे की चिंता

Last Updated- December 07, 2022 | 2:46 PM IST

रोजमर्रा की जिंदगी में कई ऐसे आकस्मिक मौके आते हैं, जिनका किसी भी व्यक्ति को सामना करना पड़ सकता है।


जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा खरीद लेना अनिश्चितताओं को सुनिश्चित करने का एक तरीका है, जिससे आप जोखिम के असर को कम कर सकते हैं, लेकिन अक्सर ऐसे में तुरंत नकद की जरूर होती है। इसलिए नकद प्रबंधन की जरूरत अहम होती है।

नकद प्रबंधन में सबसे पहली चीज जो जरूरी है वह है अपने पास नकद का प्रबंधन करना। इसे आप घर में रखी हुई नकदी के रूप में देख सकते हैं। इसे अस्पताल जाने की स्थिति में तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां आपको दाखिल होते समय ही पैसों का भुगतान करना पड़ सकता है।

आपके पास कितनी नकदी होनी चाहिए यह परिवार के सदस्यों की संख्या और उनकी जरूरतों पर निर्भर होती है। हालांकि 25 हजार से 30 हजार रुपये हमेशा घर में रखने चाहिए, क्योंकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में कम से कम इतने पैसों की तो जरूरत पड़ती ही है। इससे किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा का अहसास होता है। यह बेहद जरूरी है कि इस राशि को रोजमर्रा के खर्च से अलग रखा जाए और अगर ये पैसे खर्च हो भी जाएं तो जल्दी से जल्दी इन्हें पूरा कर लेना चाहिए।

साथ ही बैंक के बचत खाते में भी अपनी जरूरतों को देखते हुए कुछ पैसे जमा करने चाहिए, ताकि मुश्किल दौर में अतिरिक्त पैसों की जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। बैंक खाते में पैसे रखने के पीछे सीधी सी वजह यह है कि आप जरूरत के समय एटीएम के जरिये पैसे निकाल सकें। ज्यादातर एटीएम कार्ड आपको एक दिन में 15 हजार से 25 हजार रुपये तक राशि निकालने की अनुमति देते हैं। ऐसे में आप अपने पैसे को अन्य बैंक खातों में आपातकालीन स्थिति के लिए जमा करें।

उदाहरण के लिए आपके तीन खाते हैं, लेकिन आप अपने पैसे को एक ही खाते में रखते हैं और अन्य दोनों खातों में न्यूनतम जमाराशि रखते हैं। ऐसी स्थिति में अगर आपको घर में मौजूद नकदी से और एक दिन में एटीएम से निकाली जाने वाली राशि से अधिक पैसे की जरूरत पड़ती है तो दूसरे खाते में जमा अतिरिक्त राशि से आपको मदद मिलेगी। साथ ही कभी कभी बैंक नेटवर्क भी ठीक से काम नहीं करते, जैसा 2005 में मुंबई में हुई बारिश के दौरान हुआ था। कई बार दंगा जैसी स्थितियों में सुरक्षा के लिहाज से एटीएम को बंद कर दिया जाता है।

बेशक एक से अधिक बैंक खातों को बनाए रखने में अधिक लागत आति है, क्योंकि आपको न्यूनतम जमा राशि बनाए रखनी पड़ती है, लेकिन मुश्किल वक्त में आपको राहत पहुंचाने के लिए यह एक छोटी कीमत है। अब सबसे पहली जरूरत है कि कोई भी समय को ध्यान में रखते राशि का इंतजाम करे। ऐसी स्थिति जिसमें लंबे समय के लिए पैसों की जरूरत हो सकती है, जैसे किसी की भी सेहत में गिरावट के चलते या कोई और कारण। ऐसी स्थिति में योजना से उभरा जा सकता है, जिसमें इस तरह की वित्तीय जरूरतों और मुसीबतों से घिरे हुए 3 से 6 महीनों के लिए नकदी का इंतजाम किया गया हो।

जहां तक की योजनाओं की बात है तो यहां चुनने के लिए काफी विकल्प मौजूद हैं, जिनमें पैसा लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए बैंक में सावधि जमा, म्युचुअल फडका नकदी फंड या फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान का इस्तेमाल बेहतरीन तरीके से इन कामों के लिए किया जा सकता है। इसके जरिये पैसे पर आपको एक निश्चित रिटर्न भी मिलता रहेगा और इन्हें कम समय में नकदी भी कराया जा सकता है। इन योजनाओं के पीछे अहम कारण जरूरत कि समय पैसे की उपलबधता है।

और इस स्थिति में जब पैसा आपके पास एक दिन या उतने समय में पहुंच जाए तो इससे आपको बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला की पैसा कहां लगाया गया था। निवेश के लिहाज से यह अहम है कि आप सही तरीके से निवेश के लिए किस योजना को चुनते हैं। आपातकालीन स्थिति के लिए रखे गए पैसे का पहला उद्देश्य सुरक्षा होना चाहिए, इसके बाद रिटर्न कमाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

First Published - August 4, 2008 | 12:36 AM IST

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