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हेज फंड, एफसीसीबी भाए बड़े निवेशकों को

Last Updated- December 10, 2022 | 7:35 PM IST

एक दौर था जब भारत के अमीर लोगों में विदेश में रियल एस्टेट में निवेश करने के प्रति खासा आकर्षण था।
लेकिन इसमें अब थोड़ा बदलाव आया है और इसकी जगह अब हेज फंड और मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) ने ली है। हेज फंड ऐसे निवेश फंड होते हैं जो विभिन्न रणनीतियों के तहत बेहतर प्रतिफल देते हैं।
ये रणनीति लांग-शॉर्ट, मौजूदा समय को ध्यान में रखकर, आर्बिट्रेज या फिर कुछ अन्य प्रकार के हो सकते हैं। लांग-शार्ट रणनीति वह होती है जिसके तहत ऐसे शेयरों को खरीदा जाता है जिनके बेहतर प्रदर्शन की आशा होती है। साथ ही ऐसे शेयरों की बिकवाली की जाती है जिनके बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना नहीं होती है।
हेज फंड को अधिक जोखिम वाले परिसंपत्तियसों के रूप में देखा जाता है और इसी वजह से इसे अमीर लोगों के निवेश के लिए ही उपयुक्त माना जाता है। इस बाबत एक निजी बैंक के प्रमुख ने कहा कि इस समय हम कुछ गिने-चुने और इन फंडों की पूरी जानकारी रखने वालों को इसमें केवल 10-15 फीसदी निवेश की सलाह ही दे रहे हैं।
इस पर मिलने वाला रिटर्न सालाना 12-15 फीसदी के बीच का होता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए 200,000 डॉलर की दी गई वित्तीय रकम का इस्तेमाल अप्रवासी भारतीय और अमीर लोग इन उत्पादों में निवेश करने के लिए कर रहे हैं। अब चूंकि भारत में फिक्स्ड इनकम का ही एकमात्र विकल्प बचा है, इसे बात को ध्यान में रखते हुए अमीर लोग विदेश में निवेश के जरिए अपने प्रतिफल को बढाने की जुगत में हैं।
ज्यादातर निवेश करने से पूर्व निवेशकों के रकम को एक फंड के रूप में एकत्रित किया जाता है और उसके बाद ही इसका निवेश विश्व में विभिन्न परिसंपत्तियों में किया जाता है। जैसा कि स्पष्ट है कि हेज फंड विभिन्न रणनीतियों में निवेश करते हैं, प्राप्त होने वाला रिटर्न उस इक्विटी इंडेक्स से जुडा नहीं होता है जिनमें हेज फंड निवेश करता है।
यही वजह है कि इंडेक्स द्वारा निगेटिव रिटर्न देने के बाद भी फंड सकारात्मक प्रतिफल देता है। हालांकि बाजार का आकार तो मालूम नहीं हैं लेकिन आरबीआई के एक आंकड़े के अनुसार विदेशी बाजार में रेमिटेन्स के जरिए 580 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया है।
हालांकि जानकारों के अनुसार इस तरह के निवेशों के लिए बाजार का आकार काफी बडा हो सकता है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी निजी बैंकों को भारतीय निवेशकों को इस तरह के उत्पाद मुहैया करने की अनुमति नहीं देता है, इसलिए ये उत्पाद घरेलू संपत्ति प्रबंधन कंपनियों को दिए जाते हैं जो इन उत्पादों को अमीर लोगों तक पहुंचाने में माध्यम की भूमिका निभाते हैं।
एफसीसीबी भी निवेश का एक अन्य विकल्प है। इस बाबत बार्कलेज में निवेश और उत्पाद प्रमुख के रामचंद्रन का कहना है कि हमारे ग्राहक एफसीसीबी में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिसका कारोबार पिछले कुछ समय से डिस्काउंट पर हो रहा है।

First Published - March 12, 2009 | 12:35 PM IST

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