HDFC बैंक ने अपनी शॉर्ट-टर्म MCLR में 5 बेसिस पॉइंट तक की बढ़त की है। नई दरें 7 नवंबर 2024 से लागू होंगी, जिसके बाद MCLR दरें 9.15% से 9.50% के बीच होंगी।
क्या बदलाव हुए हैं?
बिना बदलाव की दरें:
MCLR का महत्व
MCLR दरें अप्रैल 2016 से सितंबर 2019 तक दिए गए फ्लोटिंग रेट लोन (जैसे होम लोन) के लिए बेंचमार्क थीं। बैंकबाज़ार के सीईओ अधिल शेट्टी के अनुसार, अगर आपने इस अवधि में लोन लिया है, तो आपका लोन बैंक की MCLR से जुड़ा हो सकता है। अक्टूबर 2019 के बाद, RBI ने रेपो रेट को नए लोन के लिए बेंचमार्क बना दिया, लेकिन पुराने लोन अभी भी MCLR से लिंक रह सकते हैं।
MCLR दरें अवधि के अनुसार बदलती हैं, जैसे ओवरनाइट से तीन साल तक। कई बैंक एक साल की MCLR को अपने लोन के लिए बेंचमार्क मानते हैं। शेट्टी ने बताया कि अगर कोई बैंक अपनी MCLR दरों को अपडेट करता है, तो उससे जुड़े लोन की दरें भी अपडेट हो सकती हैं, लेकिन यह अपडेट हर छह महीने या साल में एक बार होता है। हालांकि, इस बार एक साल की MCLR में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
शेट्टी की सलाह: लोन कॉन्ट्रैक्ट को रिव्यू करें
अधिल शेट्टी ने उधारकर्ताओं को सलाह दी है कि वे अपने लोन कॉन्ट्रैक्ट को रिव्यू करें ताकि यह समझ सकें कि उनकी ब्याज दर कब और कैसे बदल सकती है। जिनका लोन बैलेंस अधिक है या अवधि लंबी है, उन्हें रेपो-लिंक्ड लोन पर विचार करना चाहिए, जहां दरों में बदलाव पारदर्शी होता है और कई बार कम ब्याज मिल सकता है।
HDFC बैंक के बेस और प्राइम लेंडिंग रेट
HDFC बैंक का बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट 17.95% पर स्थिर है, जो 9 सितंबर 2024 से लागू है। बैंक का बेस रेट भी 9.45% पर स्थिर बना हुआ है।
सैलरीड और स्वरोजगार वालों के लिए होम लोन दरें
HDFC बैंक सैलरीड और स्वरोजगार करने वालों के लिए अलग-अलग होम लोन दरें ऑफर करता है, जो पॉलिसी रेपो रेट पर आधारित हैं:
स्पेशल रेट्स: रेपो रेट + 2.25% से 3.15%, जो 8.75% से 9.65% तक है
स्टैंडर्ड रेट्स: रेपो रेट + 2.90% से 3.45%, जो 9.40% से 9.95% तक है
बैंक की वेबसाइट के अनुसार, ये दरें एडजस्टेबल रेट होम लोन स्कीम के तहत लागू हैं और फ्लोटिंग दरें हैं, जो बाजार की स्थिति के अनुसार बदल सकती हैं। दरें HDFC बैंक की रेपो रेट से जुड़ी हैं, जिससे लोन अवधि के दौरान ब्याज दरों में बदलाव का असर ग्राहकों पर पड़ता है।