एचडीएफसी बैंक की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज भारतीय रिजर्व बैंक से इस साल सितंबर में होने वाली सूचीबद्धता की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक, बड़ी एनबीएफसी के तौर एचडीबी फाइनैंशियल को सितंबर तक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होना होगा। कंपनी ने पिछले साल नवंबर में अपनी 12,500 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का मसौदा (डीआरएचपी) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा कराया था, जो अब तक लंबित है।
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के अनसुलझे अनुपालन के मुद्दे के कारण देरी हो रही है, जिसमें गैर सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा शेयर जारी करने से संबंधित मानदंडों का भी संभावित उल्लंघन शामिल है। इन कठिनाइयों से एचडीबी को सितंबर में सूचीबद्ध होने में अड़चन आ सकती है।
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एचडीएफसी बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी सहायक कंपनी एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज ने सेबी में आईपीओ मसौदा दाखिल किया है और इस पर अंतिम फैसले का इंतजार है।’ आमतौर पर, नियामकीय मंजूरी के बाद कंपनियों को बड़े आईपीओ की तैयारी के लिए करीब तीन से चार हफ्ते का वक्त लगता है।
गैर सूचीबद्ध वित्तीय कंपनी के लिहाज से एचडीबी का आईपीओ सबसे बड़ा होगा और देसी बाजार का यह पांचवां सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘कंपनी के पास सूचीबद्ध होने के लिए दिसंबर तक का समय पर्याप्त है। मगर हमें नहीं पता है कि सेबी के साथ कानूनी अड़चनों का समाधान कब तक होगा। इसके अलावा, बाजार की भी स्थिति ऐसी है कि फरवरी के मध्य से अब तक हमने बमुश्किल एक ही आईपीओ देखा है। हालांकि, कंपनी ने सूचीबद्ध होने के लिए कदम उठा लिए हैं, लेकिन स्थिति से अवगत नियामक की कराएगा।’