चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में राज्यों के बॉन्ड की ज्यादा आपूर्ति के कारण 10 साल के राज्य बॉन्डों व 10 साल के सरकारी बॉन्ड के प्रतिफल में प्रसार बढ़कर 2 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
प्रतिफल प्रसार मंगलवार को बढ़कर 53 आधार अंक हो गया। रेटिंग एजेंसी इक्रा द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक पिछली बार प्रतिफल प्रसार जनवरी 2022 में 50 आधार अंक से ऊपर गया था।
जनवरी से मार्च के बीच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को 4.1लाख करोड़ रुपये उधारी लेनी है। कुल उधारी में आधी हिस्सेदारी कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश व तमिलनाडु की है। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक और पश्चिम बंगाल की पिछली तिमाही में बढ़ी उधारी उल्लेखनीय रूप से 1.1 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है।
यह राज्यों की पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 37.4 प्रतिशत बढ़ी उधारी है, क्योंकि वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में पहले ही 3 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए गए थे। विश्लेषकों का कहना है कि प्रतिफल प्रसार 60आधार अंक तक बढ़ सकता है, अगर राज्य पहले से अनुमानित राशि जितनी उधारी लेते हैं।
इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अगर साप्ताहिक राज्य सरकार की प्रतिभूतियों की नीलामी वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में अनुमानित राशि के नजदीक रहती है तो 10 साल के एसजीएस और 10 साल के जी-सेक के प्रतिफल का अंतर इस तिमाही में 50 से 60 आधार अंक हो सकता है।’