facebookmetapixel
Cloudflare में आई तकनीकी खामी, ChatGPT, X समेत कई जरूरी सेवाएं प्रभावित; लाखों यूजर्स परेशान10k की SIP ने 1 लाख की SIP से ज्यादा पैसा बनाया- कैसे? पूरी कहानीElon Musk का X ठप्प! Cloudflare और ChatGPT में भी आई तकनीकी खराबी, यूजर्स परेशान‘AI पर कभी आंख मूंदकर भरोसा न करें’, गूगल के CEO सुंदर पिचाई की चेतावनी, कहा: फूट सकता है AI ‘बबल’Baroda BNP Paribas की पैसा डबल करने वाली स्कीम, 5 साल में दिया 22% रिटर्न; AUM ₹1,500 करोड़ के पारक्या इंश्योरेंस लेने के बाद होने वाली बीमारी क्लेम या रिन्यूअल को प्रभावित करती है? आसान भाषा में समझेंक्या टेक कंपनियां गलत दांव लगा रही हैं? Meta AI के अगुआ यान लेकन ने ‘LLM’ की रेस को बताया गलत41% अपसाइड के लिए Construction Stock पर खरीदारी की सलाह, ₹45 से नीचे कर रहा ट्रेडPM Kisan 21st installment: कब आएगा किसानों के खातें में पैसा? चेक करें नया अपडेटलाइफ सर्टिफिकेट जमा करना चाहते हैं? घर बैठे आधार की मदद से चुटकियों में होगा काम!

एफपीआई ने 2020 में शेयरों में किया 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश

Last Updated- December 14, 2022 | 8:17 PM IST

आकर्षक मूल्यांकन, तरलता की बेहतर स्थिति और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के रु ख के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस साल यानी 2020 में भारतीय शेयर बाजारों में 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश किया है। यह उनके निवेश का सर्वकालिक उच्चस्तर है।
हालांकि, कोविड-19 महामारी से अर्थव्यवस्था पर पड़े दबाव के बीच विदेशी निवेशकों ने ऋण या बॉन्ड प्रतिभूतियों से रिकॉर्ड निकासी भी की है। डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस साल अब तक शुद्ध रूप से बॉन्ड बाजार से एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है। हालांकि, हाइब्रिड प्रतिभूतियों में उन्होंने शुद्ध रूप से 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यदि कुल निवेश परिदृश्य में कोई बड़ा बदलाव नहीं आता है, तो यह रुख अगले कुछ माह तक और जारी रहेगा। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, कोविड-19 टीके को लेकर कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से भारत को लाभ होगा। इसके अलावा अर्थव्यवस्था में सुधार से निवेशकों की धारणा और भारत के प्रति उनके परिदृश्य में भी सुधार होगा। ऐसे में भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि अर्थव्यवस्था लंबे समय तक कमजोर बनी रहती है, तो यह एक बड़ी बाधा साबित होगा। इसके अलावा यदि कोरोना वायरस महामारी की एक और लहर की वजह से लॉकडाउन उपायों को फिर लागू करना पड़ता है, तो इससे धारणा प्रभावित होगी और विदेशी निवेशक जोखिम लेने से बचेंगे। वर्ष 2020 समाप्त होने वाला है। अब तक एफपीआई ने इस साल शेयरों में शुद्ध रूप से 1.42 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह 2002 से किसी कैलंडर वर्ष में उनका सबसे ऊंचा निवेश है।
यह इतिहास में पांचवां अवसर है जबकि शेयरों में एफपीआई का शुद्ध निवेश किसी साल में एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। इससे पहले 2019 में एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 1.01 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। 2013 में उनका शुद्ध निवेश 1.13 लाख करोड़ रुपये, 2012 में 1.28 लाख करोड़ रुपये और 2010 में 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा था।

First Published - December 13, 2020 | 11:53 PM IST

संबंधित पोस्ट