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वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव एम. नागराजु ने सोमवार को फिनटेक कंपनियों से कहा कि वे अपनी तकनीकी ताकत और इनोवेशन का इस्तेमाल न सिर्फ आम लोगों तक बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं पहुंचाने में करें, बल्कि साइबर धोखाधड़ी, हैकिंग और दूसरे डिजिटल खतरों से बचाव के लिए भी मजबूत समाधान बनाएं। उन्होंने खास तौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी नई तकनीकों के बेहतर इस्तेमाल पर ज़ोर दिया।
नागराजु CII (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) द्वारा आयोजित तीसरे वित्तीय समावेशन और फिनटेक सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि फिनटेक कंपनियां वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और ग्राहकों को सुरक्षित सेवाएं देने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव ने कहा कि आज पूरी दुनिया में माना जा रहा है कि वित्तीय समावेशन – यानी हर व्यक्ति तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाना – आर्थिक विकास और गरीबी को कम करने के लिए बहुत ज़रूरी है। संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में से 7 लक्ष्य सीधे-सीधे वित्तीय समावेशन से जुड़े हैं।
नागराजु ने बताया कि 2014 से पहले देश में केवल 35% वयस्कों के पास बैंक खाता था, लेकिन आज लगभग 99% वयस्कों के पास बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हैं। इसका श्रेय उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) और अन्य सरकारी योजनाओं को दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और अटल पेंशन योजना का भी ज़िक्र किया और कहा कि इन योजनाओं ने करोड़ों लोगों को औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा है। इसके साथ ही देश में एक मज़बूत डिजिटल ढांचा तैयार किया गया है।
इसी कार्यक्रम में NABARD (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) के अध्यक्ष शाजी के.वी. ने कहा कि भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए ज़रूरी है कि गांवों के लोग भी इस सफर में बराबर के भागीदार बनें।
उन्होंने कहा कि फिनटेक तकनीक से वित्तीय सेवाओं को आसान और तेज़ बनाया जा सकता है, जिससे गांवों में लोगों की जरूरतें बेहतर तरीके से पूरी हो सकती हैं।
शाजी ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में नई और अलग सोच की ज़रूरत है और ऐसे मुद्दों पर ध्यान देना होगा जैसे कि KYC (ग्राहक की पहचान) प्रक्रिया को आसान बनाना और अलग-अलग प्लेटफॉर्म को आपस में जोड़ना।
उन्होंने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर यानी सरकारी डिजिटल सेवाओं की ताकत को भी खास तौर पर बताया और कहा कि एग्रीटेक (कृषि तकनीक), फिशरीज टेक (मत्स्य तकनीक), और कोऑपरेटिव टेक (सहकारी तकनीक) जैसे क्षेत्रों में डिजिटल समाधान ग्रामीण लोगों की आय बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) को एक साझा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की योजना चल रही है, ताकि गांव और शहर के बीच डिजिटल अंतर को कम किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के लिए भी फिनटेक के ज़रिए बैंकिंग सेवाएं आसान बनाने की बात कही।