फिनटेक के लिए स्व-नियामक संगठन (एसआरओ एफटी) की सदस्यता को प्रोत्साहित करने के लिए देश के संघ कंपनियों के बीच सक्रिय भागीदारी प्रोत्साहित करने के तरीके तलाश रहे हैं।
डिजिटल ऋण देने वाले प्रमुख संघों ने कहा कि वे संसाधन प्रदान करते हुए संगठनों में सदस्यता को प्रोत्साहित करने की चुनौती का समाधान कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले सप्ताह एसआरओ-एफटी के लिए मसौदे का ढांचा जारी किया था जिसमें ऐसे फिनटेक संगठनों के लिए चुनौतियों, विशेषताओं और संचालन की रूपरेखा तैयार की गई थी।
डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डीएलएआई) के मुख्य कार्य अधिकारी जतिंदर हांडू ने कहा कि एसआरओ-एफटी में शामिल होने के लिए कंपनियों के लिए प्रमुख प्रोत्साहनों में उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि, विशेष रूप से स्टार्टअप के लिए मार्गदर्शन, क्षमता निर्माण, नवाचार कार्यालय जैसे संसाधनों तक पहुंच, नियामकी आवश्यकताओं की व्याख्या पर स्पष्टता, कई कार्यक्रमों और वेबिनार के जरिये प्रशिक्षण कार्यक्रम, कानूनी सहायता शाामिल होगी।
केंद्रीय बैंक ने अपने मसौदा ढांचे में कहा था कि उद्योग को इस सवाल का जवाब देने की जरूरत है कि एसआरओ-एफटी सदस्यता के लिए किस तरह प्रोत्साहन देगा क्योंकि वर्तमान में फिनटेक क्षेत्र में कंपनियों को सीधे विनियमित नहीं किया जाता है।
फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (फेस) की मुख्य कार्य अधिकारी सुगंध सक्सेना ने कहा कि सदस्यता प्रोत्साहन मूल्य सृजन और अंततः नियामकीय मान्यता से आता है।