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आईटी पर बाजार की मार से यूरोपीय कंपनियां गुलजार

Last Updated- December 05, 2022 | 4:47 PM IST

शेयर बाजार की टेढ़ी चाल ने भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों को हलकान कर रखा है। लेकिन इसका फायदा उठाने के लिए यूरोपीय कंपनियों ने अपनी चालें चलनी शुरू कर दी हैं।


 तमाम यूरोपीय आईटी कंपनियां इसे भारत में अधिग्रहण के लिए बेहद शानदार मौका मान रही हैं।दुनिया भर के शेयर बाजारों में चल रही मंदी ने यूरोपीय कंपनियों को वाकई इसका मौका दे दिया है। देश में पहले दर्जे की कंपनियों की पूंजी में तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह मिड कैप कंपनियों की पूंजी भी 40 फीसदी कम हो गई है।



इससे इतर अमेरिका से कामकाज करने वाली आईटी कंपनियों की पूंजी में महज 10 या 15 फीसदी का नुकसान हुआ है। जनवरी के बाद देश में सेंसेक्स में जो 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, उसका खामियाजा भारतीय आईटी कंपनियों ने बहुत बुरी तरह भुगता है।उद्योग के जानकारों के मुताबिक यूरोपीय आईटी कंपनियों के लिए यह सबसे मुफीद वक्त है।


इस समय कम खर्च में अधिग्रहण करने और मुकाबले में आगे निकलने के लिए इन कंपनियों के बीच भी होड़ शुरू हो सकती है। डीएसपी मेरिल लिंच के ग्लोबल मार्केट्स और इनवेस्टमेंट बैंकिंग विभाग के प्रबंध निदेशक सौरभ अग्रवाल कहते हैं, ‘हम यूरोपीय कंपनियों को भारतीय कंपनियों पर डोरे डालते हुए देख सकते हैं। अगर उन्हें अपना कारोबार बढ़ाना है, तो उनके पास कोई और चारा नहीं है। वैसे भी भारतीय आईटी उद्योग बेहद मजबूत है और यहां अधिग्रहण से उन्हें जबर्दस्त फायदा होगा।’


इस सिलसिले की शुरुआत हो भी चुकी है। ब्रिटिश कंपनी जांसा का अधिग्रहण इसी का ताजातरीन नमूना है। भारत में अच्छा कारोबार कर रही इस कंपनी का अधिग्रहण फ्रांस के आईटी सेवा समूह स्टेरिया ने किया है। स्टेरिया के मुय कार्यकारी फ्रंस्वा एनौद कहते हैं, ‘जांसा का मोल लगाते वक्त हमें यह जानकार बेहद ताज्जुब हुआ कि भारत में निवेश करने वाली शुरुआती यूरोपीय कंपनियों में इसका भी नाम है।


 इतना ही नहीं भारत में इसका अच्छा कारोबार है। हमें लगता है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बाजारों तक हमारी पहुंच मजबूत करने में भारत पुल का काम कर सकता है।’निवेश बैंक अवेंडस कैपिटल भी इस मौके को भुनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि आईटी कंपनियों के अधिग्रहण से उसका सीधा नाता नहीं है, लेकिन कई यूरोपीय कंपनियों की इस मुहिम में वह मददगार की भूमिका निभा रहा है। भारत में विलय और अधिग्रहण की कोशिश कर रही 3-4 यूरोपीय कंपनियों से उसकी बातचीत चल रही है।

First Published - March 20, 2008 | 12:42 AM IST

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